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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब की बेटी शर्मिष्ठा ने कांग्रेस की खोली पोल!सोशल मीडिया पर बजा दी ढ़ोल,ऐसे!

On: December 28, 2024 1:22 PM
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बोली पूर्व पीएम के लिए स्मारक बनाने की मांग और पूर्व राष्ट्रपति के लिए शोक सभा तक नहीं

नई दिल्ली:कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस प्रस्ताव पर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक बनाने की मांग की थी।

https://x.com/Sharmistha_GK/status/1872675330726719489?t=u6bW60KWfvwqXgf7OvWqVw&s=08

शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस की शोक संदेश से जुड़ी अपनी नाराजगी व्यक्त की और आरोप लगाया कि जब उनके पिता का 2020 में निधन हुआ था, तब कांग्रेस ने उनकी श्रद्धांजलि के लिए शोक सभा तक नहीं बुलाई थी.

शर्मिष्ठा ने बताया कि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें यह बहाना दिया था कि भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए शोक सभा का आयोजन नहीं होता. इस तर्क को उन्होंने ‘बकवास’ करार देते हुए दावा किया कि उनके पिता की डायरी से यह स्पष्ट हुआ कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश भी प्रणब मुखर्जी ने स्वयं लिखा था. इसके अलावा, उन्होंने सी.आर. केसवन की पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि कांग्रेस ने हमेशा गांधी परिवार से बाहर के नेताओं की अनदेखी की.

इन जगहों पर किया गया है उल्लेख

शर्मिष्ठा ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के निधन के बाद भी कांग्रेस ने उनके लिए कोई स्मारक नहीं बनवाया, जबकि वे पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता थे. डॉ. संजय बारू की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में भी इसका जिक्र किया गया है कि कांग्रेस ने राव के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में न करके हैदराबाद में किया था और उनके लिए कोई स्मारक नहीं बनवाया.

स्मारक की मांग होने पर खड़ा हुआ सवाल

यह विवाद तब शुरू हुआ जब मल्लिकार्जुन खरगे ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके लिए एक अलग स्मारक बनाने की मांग की. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी ने उनके पिता की याद में शोक सभा आयोजित करने तक की कोशिश नहीं की थी.

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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