हजारीबाग: छात्रों का प्रतिनिधि मंडल झारखंड के महामहिम राज्यपाल से मिला और मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र के माध्यम से उन्होंने राज्यपाल को बताया कि हम सब JSSC-CGL के अभ्यर्थी हैं एवं विगत एक वर्ष से CGL पेपर लीक मामले को लेकर झारखण्ड उच्च न्यायालय की शरण में हैं। मामले की सुनवाई पूरी करते हुए माननीय न्यायालय ने 03 नवम्बर को सुनवाई पूरी करके फैसला को रिजर्व रखा है।
हमारे तरफ से केस की पैरवी कर रहे कुणाल प्रताप सिंह, संस्थापक एग्जाम्स फाइटर्स, को CID की टीम की तरफ से लगातार विभाग में सशरीर उपस्थित होने की सूचना दी जा रही है। छात्रों को डर है कि CID की टीम उन्हें गिरफ्तार न कर ले विदित हो सहायक प्रशाखा पदाधिकारी संतोष मस्ताना, जो कि इस केस के ज्ञाता भी हैं, उन्हें इसी प्रकार CID ने अफवाह फैलाने के संबंध में गिरफ्तार कर चुकी है।
जब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया ही नहीं है फिर किस आधार पर कुणाल जी को परेशान करने का साजिश CID के द्वारा किया जा रहा है!
छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल महोदय से गुहार लगाया कि झारखंड सचिवालय मामले का उद्वेदन करने वालों पर जिस प्रकार से दबाव डाला जा रहा है या अलोकतांत्रिक है इस प्रकार के कृतियों पर रोक लगाया जाना चाहिए। प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे
अंकित कुमार, उपेंद्र कुमार, रविंद्र पासवान, विनय मेहता, विकास कुमार, आशुतोष कुमार, गौतम कुमार
हजारीबाग:JSSC CGL मामले को लेकर राज्यपाल से मिला छात्रों का प्रतिनिधिमंडल










