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नरगिर आश्रम में रामकथा के छठे दिन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, भगवान का नाम ही सबसे बड़ा साधन है: बालस्वामी

On: April 5, 2025 8:32 AM
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शुभम जायसवाल

गढ़वा :- गढ़देवी मोहल्ला स्थित नरगिर आश्रम में आयोजित नौ दिवसीय श्रीरामकथा के छठे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा स्थल पूरी तरह खचाखच भर गया, यहां तक कि पंडाल छोटा पड़ गया। विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।

कथावाचक बालस्वामी प्रपन्नाचार्य जी ने इस दिन अयोध्या कांड से जुड़े प्रसंगों – कैकई द्वारा वरदान मांगना, श्रीराम का वनगमन, केवट की भक्ति, और भरत मिलाप – का भावपूर्ण और प्रभावशाली वर्णन किया। कथा के मध्य प्रस्तुत मधुर भजनों ने श्रोताओं को भक्तिरस में डुबो दिया।

प्रपन्नाचार्य जी ने कहा, जिन परिवारों में अयोध्या कांड की मंगलाचरण की आठ चौपाइयाँ प्रतिदिन गाई और सुनी जाती हैं, वहां दरिद्रता दूर होती है और सुख, शांति तथा समृद्धि का वास होता है।

उन्होंने बताया कि कैकई द्वारा मांगे गए वरदानों के कारण श्रीराम को 14 वर्षों के वनवास और भरत को राजगद्दी देनी पड़ी। रघुकुल की मर्यादा निभाते हुए राजा दशरथ ने वचन का पालन किया और प्रभु श्रीराम के वनगमन के पश्चात अपने प्राण त्याग दिए।

प्रपन्नाचार्य जी ने भरत चरित्र को आज के समय के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा, आज जहां भाई-भाई में स्वार्थ के कारण कटुता है, वहीं भरत का त्याग, संयम और ईश्वरभक्ति एक आदर्श प्रस्तुत करता है।

केवट प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक साधारण मल्लाह ने अपनी निष्कलंक भक्ति से प्रभु श्रीराम को गंगा पार कराया और उनका आशीर्वाद पाया। भगवान ने कभी जाति-पांति का भेद नहीं किया, उनकी कृपा केवल भक्ति पर निर्भर है।

प्रवचन के अंत में उन्होंने यह भी कहा, भगवान के ‘नाम’ का महत्व स्वयं भगवान से भी अधिक है। मन की सरलता और निर्मलता ही ईश्वर प्राप्ति का सबसे सहज मार्ग है।

रामनवमी को भव्य आयोजन

आयोजन समिति के अध्यक्ष चंदन जायसवाल ने जानकारी दी कि रामनवमी के पावन अवसर पर प्रातः 7 बजे से हवन और उसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं से सहभागिता की अपील की गई है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में इनका योगदान सराहनीय रहा

जगजीवन बघेल, दीनानाथ बघेल, जयशंकर बघेल, गुड्डू हरि, विकास ठाकुर, भरत केशरी, गौतम शर्मा, धर्मनाथ झा, अजय राम, गौतम चंद्रवंशी, सोनू बघेल, पवन बघेल, आशीष बघेल, सुमित लाल, अजय सिंह, राकेश चंद्रा, सूरज सिंह, शांतनु केशरी, शुभम चंद्रवंशी, सोनू, सुन्दरम्, शिवा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद मौजूद थे।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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