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JMM और BJP का संताल और कोल्हान क्षेत्र पर फोकस, बाबा बागेश्वर धाम सरकार के कार्यक्रम को लेकर मचा घमासान

On: November 27, 2023 10:43 AM
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झारखंड वार्ता न्यूज

राँची/डेस्क :– राज्य में सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल में काफी मजबूत उपस्थिति है। इसी की बदौलत पिछले विधानसभा चुनाव में मोर्चा ने भाजपा को पीछे धकेलते हुए सत्ता पर काबिज होने में सफलता पाई थी। मोर्चा जहां अपनी किलेबंदी को अभेद्य करने में लगा है, वहीं भाजपा की नजर भी इन दोनों प्रमंडलों पर है।

फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी दोनों ही अलग-अलग अभियानों को लेकर अभी संताल परगना क्षेत्र में जमे हैं। सरकार की योजनाओं का निचले स्तर तक लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री ने साहिबगंज के बरहेट से आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण की शुरुआत की है। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी शनिवार से प्रवास पर हैं।उन्होंने आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत की है। बताते चलें कि हाल ही में उन्होंने राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा और जनसभाएं की थी। लगभग दो माह तक उन्होंने संकल्प यात्रा कार्यक्रम चलाया। इसका समापन रांची में हुआ, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। भाजपा की कोशिश दोनों प्रमंडलों में फिर से प्रभाव जमाने की है। जबकि मोर्चा अपनी प्रभावी उपस्थिति का और विस्तार करने के प्रयास में है।

क्यों आवश्यक है दोनों प्रमंडलों में उपस्थिति

पिछले विधानसभा चुनाव में संताल परगना की 18 में सिर्फ तीन सीट भाजपा के हिस्से में आई थी। बाकी बची सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने जीत हासिल की। कोल्हान की स्थिति तो भाजपा के लिए पूरी तरह प्रतिकूल रही। यहां भाजपा का खाता तक नहीं खुला। 14 सीटों पर झामुमो-कांग्रेस और एक सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की।

झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन के घटक दलों के साथ अपनी उपस्थिति को मजबूत बनाए रखने की हरसंभव कोशिश में है। हेमंत सोरेन की सभाओं में कांग्रेस और राजद के नेताओं की भी मौजूदगी होती है। भाजपा के लिए इन दोनों प्रमंडलों में काफी चुनौतियां हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सभाओं में जहां राज्य सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख कर रहे हैं, वहीं वे राजनीतिक मोर्चे पर भाजपा और केंद्र सरकार समेत केंद्रीय एजेंसियों को आड़े हाथों ले रहे हैं। बाबूलाल मरांडी लगातार राज्य सरकार के विरुद्ध मुखर हैं। वे सरकार की घेराबंदी कर रहे हैं।

बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम को लेकर घमासान, नहीं मिल रही अनुमति

बागेश्वर धाम के बाबा कृष्ण शास्त्री का झारखंड में आने का मुहूर्त नहीं बन रहा है। धनबाद के बाघमारा स्थित चिटाही धाम में जहां उनके प्रस्तावित दिव्य दरबार कार्यक्रम को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, वहीं पलामू में 10 से 12 दिसंबर तक प्रस्तावित कार्यक्रम को अनुमति देने के तीन बाद उसे रद कर दिया गया।

पहले एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। अब डीसी ने उसे रद कर दिया है। इससे पूर्व दो और तीन नवंबर को गिरिडीह के दुखिया महादेव मंदिर में बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम प्रस्तावित था, परंतु सुरक्षा बल उपलब्ध कराने में असमर्थता जताते हुए गिरिडीह जिला प्रशासन ने आयोजन की अनुमति नहीं दी थी।

भाजपा हो रही हमलावर

पलामू में कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के पीछे जिला प्रशासन का तर्क है कि नदी किनारे कार्यक्रम होने वाले इस कार्यक्रम से पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। इधर, आयोजन समिति से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव के कारण कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं। बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलु महतो ने सरकार पर निशाना साधते हुए न्यायालय जाने की चेतावनी भी दी है।

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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