रांची: उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री पद की शपथ लेते हुए स्वर्गीय शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी के शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन में शपथ पत्र ठीक से नहीं पढ़ पाने का मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि ये दुर्भाग्य है, जिस राज्य की मंत्री शपथ पत्र के शब्दों को ठीक से नहीं पढ़ पा रही हैं, वो अपने विभाग के फाइलों का कैसे निपटारा करेंगी? हिंदी और अंग्रेजी में लिखी फाइलों को वो कैसे पढ़ेंगी? ऐसा लगता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सोच लिया है कि राज्य को गर्त में ले जाना है और केवल परिवारवाद को बढ़ाना है।
इधर दूसरी ओर भाजपा के हमले पर झामुमो भी बेबी देवी के बचाव में उतर गया है।झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि काम करने के लिए नीयत और नीति साफ होनी चाहिए। ये कोई कोई पहला वाकया नहीं है, हमने कई वीडियो में देखा है कि देश के प्रधानमंत्री कई शब्दों का ठीक से उच्चारण नहीं कर पाते हैं।ऐसे मामलों को तूल देना हल्की राजनीति को दर्शाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शपथ समारोह के दौरान नवनियुक्त मंत्री बेबी देवी ठीक से शपथ पत्र भी नहीं पढ़ पाईं। बेबी देवी शपथ पत्र में लिखे शब्दों का उच्चारण सही से नहीं कर पा रही थीं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा आगे कहा कि दिवंगत शिक्षा मंत्री के परिवार को सम्मान देना अच्छी बात है, लेकिन एक अयोग्य व्यक्ति के हाथ में किसी विभाग की जिम्मेदारी नहीं देनी चाहिए, जिन्हें अधिकारी गुमराह कर अपने मन मुताबिक काम करवा लें।यदि बेबी देवी की काबीलियत को सरकार मानती है तो फिर उन्हें शिक्षा मंत्री का जिम्मा क्यों नहीं दिया।जबकि उनके दिवंगत पति जगरनाथ महतो के पास शिक्षा विभाग के साथ-साथ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग था। बेबी देवी को सिर्फ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।आखिर उन्हें शिक्षा मंत्री क्यों नहीं बनाया गया?
गौरतलब हो कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद डुमरी विधानसभा सीट खाली थी जहां उपचुनाव के पूर्व बेबी देवी को मंत्री बना सियासत में अपना पासा फेंक दिया है।