शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) :- श्री बंशीधर नगर में बुधवार को करीब 11:00 बजे हुई हल्की बारिश में जहां खेत, खलियान लबालब भर जाने से किसानों के चेहरे खिल उठे। वहीं नगर पंचायत प्रशासन के दावे की पोल खोल दी साथ ही शहर में जल निकासी के साथ नाली निर्माण में बरती गई गड़बड़ियां भी उजागर भी हो गई। शहर के हृदय स्थली कहे जाने वाले बस स्टैंड स्थित सब्जी बाजार व श्री बंशीधर मंदिर जाने वाली सड़क जलमग्न हो गई। नाली जाम होने के कारण सड़क पर इतना ज्यादा जल जमाव हुआ की सड़क बरसाती नदी लग रहा था। इस दौरान कई दुकानों में बरसात और नाली का गंदा पानी घुस गया। जिससे दुकानदारों को लाखों का नुकसान का सामना करना पड़ा। सब्जी बाजार स्थित हिमांशु साड़ी सेंटर, श्री गणपति ट्रेडर्स मेधा दूध, साहिल इलेक्ट्रॉनिक सहित कई दुकानों में बरसात का पानी से दुकान भर गया। वही वर्षों से जाम नाले में वर्षा का पानी जाते ही कचरा सड़क पर फैल गया। जगह-जगह पानी जमा होने से लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो गया। नगर पंचायत की घोर लापरवाही से नाले नालियों की साफ सफाई ढंग से नहीं होने का नतीजा था कि थोड़ी सी बारिश में सब्जी बाजार में नालियों का गंदा पानी सड़क पर नदी बनकर बहने लगा और दुकानों में घुस गया।

हिमांशु साड़ी सेंटर के मालिक राजीव रंजन ने बताया कि बारिश होने के बाद सड़क का गंदा पानी दुकान में 2 से 3 फीट से अधिक भर गया, जिससे साड़ी, पैंट-शर्ट का कपड़ा सहित रैक में रखा अन्य कपड़ा भीग कर बर्बाद हो गया। जिससे 3 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर नाली की सफाई बरसात से कुछ दिन पहले कर दी गई होती तो नाली का गंदा पानी दुकानों तक नहीं आता। हल्की बारिश से नगर के कारण नालियां बजबजाने के साथ ही सड़कों पर कीचड़ युक्त गंदगी फैल गई है। इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

श्री गणपति ट्रेडर्स मेधा दूध के मालिक मनोज सोनी ने बताया कि बारिश का पानी भर जाने के कारण तीन फ्रीजर आधे से अधिक पानी में डूब गया था। फ्रीजर पानी में डूबने के कारण बर्बाद हो गया। वही दुकान में लॉकर में रखे सोना, चांदी के आभूषण में भी पानी घुस गया। इससे 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होने कहा कि नियमित रूप से साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। अगर सफाई की भी जाती है, तो सिर्फ खानापूर्ति ही होती है। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों दुकानों से मोटर लगाकर बारिश का पानी बाहर निकाला गया।

साहिल इलेक्ट्रॉनिक के मुकेश जायसवाल ने बताया कि नाली जाम होने के कारण बरसात का पानी दुकान सहित पूरे मकान में भर गया, जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामानों को भारी नुकसान हुआ है। कई इलेक्ट्रॉनिक सामान बारिश के पानी में डूब कर बर्बाद हो गए। उन्होंने कहा कि हर साल बारिश से पूर्व नगर पंचायत द्वारा नालों की सफाई का दावा किया जाता है, जिसकी पोल थोडी सी बारिश में ही खुल जाती है। इसके बावजूद नपं प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है। बारिश का पानी नालों की बजाय लोगों के घरों व दुकानों में भर जाता है। सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना चाहिए और इसकी मॉनिटरिंग भी उच्च अधिकारियों को नियमित रूप से करना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले सफाई कर्मचारियों और ठेकेदारों पर कड़ा जुर्माना लगाया चाहिए। साथ ही एफआइआर भी दर्ज कराना चाहिए।

इधर दुकान में पानी घुस जाने के बाद स्थानीय दुकानदारों ने इसकी सूचना नगर पंचायत को दिया। जिसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार चौधरी,नगर प्रबंधक रवि कुमार उक्त स्थल पहुंचकर मुआयना किया। आपको बता दें कि प्रतिवर्ष नाली सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर नगर पंचायत के द्वारा लाखों रुपये का वारा न्यारा किया जाता है, जिसका खामियाजा हम व्यवसायियों को भुगतना पड़ता है।

नगर पंचायत की लापरवाही का परिणाम है, अभी पूरा बरसात बाकी है। अगर अभी भी ध्यान नहीं दिया गया तो शहर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। जिससे आम लोगों के साथ व्यापारियों को काफी परेशानी होगी। (शंभू नाथ सौदागर अध्यक्ष चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज श्री बंशीधर नगर)
नाराज दुकानदारों ने कहा कि बरसात से पहले कहीं पर भी नालियों को साफ नहीं कराया गया है। सिर्फ खानापूर्ति कर इसे भरा ही छोड़ दिया गया। बताया कि नगर पंचायत सिर्फ कागजों पर सफाई दिखाने के नाम पर लाखों रुपए का टेंडर निकालकर थैली भर ली जाती है। थोड़ी सी बारिश होने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी सब्जी बाजार में दुकानदारों को होती है, लेकिन नगर पंचायत सिर्फ तमाशबीन बना रहता है।

क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
श्री बंशीधर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि दुकानदारों को जो परेशानी हुई है उसके लिए मुझे काफी खेद है। नपं द्वारा नियमित रूप से साफ सफाई कराया जाता है। लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि ठेकेदार को तत्काल इसकी सफाई करने का निर्देश दिया गया है।
