जमशेदपुर:वर्षों से बाढ़ का पर्याय और लोगों के लिए अभिशाप बना पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत परसुडीह थाना क्षेत्र मखदुमपुर मुंशी मोहल्ला का नाले से ही मानसून के शुरुआत में ही बाढ़ आ गई है। कई लोगों के घरों पहले की तरह पानी भरा गया है। खास बात है कि पहले तो दो-तीन दिन में निकाल दिया जाता था लेकिन इस बार सप्ताह भर हो गए हैं लोग पानी में खा रहे हैं पहले में सो रहे हैं पानी में नहा रहे हैं। काम-धाम छोड़कर ऊपर वाले से मना रहे हैं कि अभी बारिश ना हो वरना उनका पूरा घर ही डूब जाएगा। लोगों को एक ओर सांप बिच्छू कीड़े मकोड़े और मच्छर मक्खियों का प्रकोप झेलना पड़ रहा है जबकि दूसरी ओर पहले ही कई सामान डूबकर खराब हो चुके हैं और बारिश होने पर उन्हें यह चिंता सता रही है कि बचे खुचे सामान भी ना डूब जाएं! काम-धाम रोजी-रोटी तो चौपट हो ही रही है। वहीं चर्चा यह भी है कि जब सैकड़ों लोग मुसीबत में है तो जिला प्रशासन को भी कम से कम सांत्वना देने जरूर आना चाहिए था और यदि जिला प्रशासन आती तो हो सकता था कि समस्या का समाधान और जल्दी होता! और लोगों का मनोबल भी थोड़ा हाई हो जाता!
खबर यह है कि स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि बाढ़ में फंसे गाय के दो बछड़े भी दम तोड़ चुके हैं। लोग नेता प्रशासन को पूछ रहे हैं लोगों का कहना कि रोज आते हैं आश्वासन देकर चले जाते हैं आज होगा कल होगा।
इधर खबर यह भी है कि सांसद विद्युत वरण महतो की पहल से कल जो बैठक रेल अफसरों के साथ उनकी हुई समस्या का समाधान अस्थाई तौर पर निकालने का प्रयास जारी रहने की भी खबर है। इसी कड़ी में बुधवार को कई बड़े अफसरों ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्र का जायजा लिया है। इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।
बहरहाल स्थिति में नर्क में जीवन जीने के अलावा फिलहाल कोई चारा नजर नहीं आ रहा है। कई लोग तो अपना घर छोड़कर दूसरे के घरों में पनाह लिए हुए हैं। खटाल के जानवर ऊंचे स्थानों पर सड़क पर हैं। सामान भी निकाल निकाल कर दूसरे जगह पहुंचा रहे हैं। अभी देखना है कि इन्हें नारकीय जीवन से कब मुक्ति मिलती है।