मंकीपॉक्स बना महामारी, सैकड़ों की मौत, WHO ने घोषित किया ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी

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MonkeyPox Global Health Emergency: कोविड-19 के बाद अब दुनियाभर में एक नया वायरस फैला हुआ है। इस बुखार का नाम एमपॉक्स (Mpox) है। एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। अफ्रीका से फैलने वाली ये बीमारी अब दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में अपने पैर पसार चुकी है। मंकी पॉक्स से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस खतरे के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बैठक की और आपातकाल स्थिति घोषित कर दी है। WHO ने मंकी पॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। कांगो में इस वायरस के प्रकोप के बाद यह फैसला किया गया है। मंकीपॉक्स संक्रमण खतरनाक दर से फैल रहा है। इस वर्ष 30,000 से अधिक मामले और 600 से अधिक मौतें हुईं जिनमें अधिकतर कांगो में हैं। मंकीपॉक्स वायरस के दो स्ट्रेन हैं – एक जो मध्य अफ्रीका से आया है (क्लेड I) और एक जो पश्चिम अफ्रीका से आया है (क्लेड II)। इस समय क्लेड II के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह स्ट्रेन तेजी से फैलता है और इसमें मौत की आशंका भी अधिक होती है।

मंकीपॉक्स दशकों से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मौजूद है, लेकिन हाल के वर्षों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। पहला मामला 1970 में कांगो में सामने आया था, और तब से इसका प्रकोप जारी है। एमपॉक्स की बीमारी आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण और मवाद से भरे घाव पैदा करती है, जो अक्सर हल्की होती है लेकिन गंभीर मामलों में जानलेवा हो सकती है। संक्रमण होने पर शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द होते हैं। बुखार उतरने के बाद, शरीर पर चकत्ते आ जाते हैं, जो आमतौर पर चेहरे से शुरू होकर अन्य हिस्सों तक फैल जाते हैं। इन चकत्तों में खुजली या दर्द हो सकता है। संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है। हालांकि, गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर में फैल सकते हैं, जो मुंह, आंखों और गुप्तांगों पर हो सकते हैं।

मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, जिसमें यौन संबंध और संक्रमित व्यक्ति के करीब से बात करना शामिल है। यह वायरस शरीर में आंख, श्वसन तंत्र, नाक या मुंह से प्रवेश कर सकता है। मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई चीजों को छूने से भी फैल सकता है। यह वायरस संक्रमित जानवर जैसे बंदर, चूहे और गिलहरी से भी फैल सकता है। हालांकि साल 2022 में मंकीपॉक्स वायरस यौन संपर्क के माध्यम से अधिक फैला था और इस बार भी डीआर कांगो में मंकीपॉक्स फैलने का प्रमुख कारण यौन संपर्क ही है। इस बीमारी के लिए कोई निर्धारित दवा या वैक्सीन नहीं है ऐसे में लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है। डॉक्टर टेकोविरिमैट जैसी एंटीवायरल दवाएं मरीज को दे सकता है।

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