नई दिल्ली:डायबिटीज से जूझ रहे हजारों मरीजों के लिए एम्स (AIIMS) नई दिल्ली के डॉक्टरों ने नई उम्मीद जगाई है। दावा किया गया है कि एक विशेष दो घंटे की मेटाबॉलिक सर्जरी से मरीजों को डायबिटीज से दीर्घकालिक राहत मिल रही है। हैरानी की बात यह है कि सर्जरी के 24 घंटे के भीतर ही शुगर लेवल नियंत्रण में आने लगता है और कई मामलों में दवा की भी जरूरत नहीं पड़ती।
एम्स के सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मंजूनाथ का कहना है कि पिछले 12–15 महीनों के दौरान 120 मरीजों में यह सर्जरी की गई, जिनमें से 35 मरीजों ने सिर्फ डायबिटीज की वजह से ऑपरेशन करवाया। सभी को इस बीमारी से छुटकारा मिल गया है।
किन मरीजों के लिए फायदेमंद है यह सर्जरी?
डॉ. मंजूनाथ ने बताया कि यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए उपयुक्त साबित हो रही है जिन्हें कम से कम 2 साल से डायबिटीज है, HbA1c 7.5 से अधिक हो,3 या उससे ज्यादा दवाओं के बावजूद शुगर कंट्रोल न हो पा रहा हो। ऐसे मरीजों में सर्जरी के परिणाम सबसे बेहतर मिल रहे हैं।
किसे नहीं करानी चाहिए यह सर्जरी?
यह सर्जरी हर डायबिटीज मरीज के लिए नहीं है। डॉक्टर बताते हैं कि 15 साल से ज्यादा पुराने डायबिटीज मरीज,जिन्हें 100 यूनिट तक इंसुलिन लेनी पड़ती हो, या जिनका HbA1c 6.5 के आसपास हो,उन्हें आमतौर पर इस सर्जरी की जरूरत नहीं होती।
सर्जरी में क्या होता है? कैसे कंट्रोल होती है डायबिटीज?
यह प्रक्रिया सामान्य बेरियाट्रिक सर्जरी से अलग है। इसमेंपेट (स्टमक) के आकार को छोटा कर ट्यूब का आकार दिया जाता है।पेट के जिस हिस्से से डायबिटीज पर असर डालने वाले हार्मोन बनते हैं, वहां भोजन को जाने से रोका जाता है।फूड पाइप को बाईपास विधि से सीधे इंटेस्टाइन में जोड़ा जाता है। इससे हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाते हैं और शुगर लेवल तेजी से नियंत्रित होता है।
डॉक्टरों का दावा: भविष्य में हो सकता है डायबिटीज उपचार का बड़ा विकल्प
एम्स के विशेषज्ञों का कहना है कि यह सर्जरी मोटापे के उपचार के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन इसके शानदार परिणाम डायबिटीज मरीजों में भी देखने को मिल रहे हैं। अनकंट्रोल डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए यह प्रक्रिया एक बड़ा विकल्प बन सकती है।
एक सर्जरी और डायबिटीज से हमेशा के लिए छुटकारा, AIIMS के डॉक्टरों का बड़ा दावा












