शाहजहांपुर: उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बुधवार शाम एक दिल दहला देने वाला रेल हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। रोजा जंक्शन के पास तेज रफ्तार गरीब रथ एक्सप्रेस की चपेट में आने से बाइक सवार पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शवों के टुकड़े कई मीटर तक रेलवे ट्रैक पर बिखर गए।
हादसा बुधवार शाम करीब 6:30 बजे रोजा जंक्शन के पास पावर केबिन और वरिष्ठ खंड अभियंता (रेल पथ) कार्यालय के सामने हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाइक पर पति-पत्नी, उनके दो छोटे बच्चे और एक रिश्तेदार सवार थे, जो रेलवे लाइन पार करने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान अमृतसर से सहरसा जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस पूरी रफ्तार में आ गई और बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।
शवों के चीथड़े उड़े, बाइक 500 मीटर तक घिसटती चली गई
ट्रेन की टक्कर इतनी भीषण थी कि पांचों लोगों के शरीर के चीथड़े उड़ गए। रेलवे ट्रैक पर करीब 200 मीटर के दायरे में कटे हुए हाथ-पैर और सिर पड़े मिले। मौके पर चारों ओर खून ही खून नजर आ रहा था। हादसे के बाद बाइक ट्रेन में फंसकर करीब 500 मीटर तक घिसटती चली गई।
सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन, आरपीएफ और आसपास के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद शवों के टुकड़ों को एकत्र कर पॉलिथीन में पैक किया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
मृतकों की पहचान, एक ही परिवार उजड़ा
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान थाना निगोही क्षेत्र के बिकन्ना गांव निवासी सेठपाल, उनकी पत्नी पूजा, उनके दो बच्चे सूर्या (4 वर्ष) और निधि (5 वर्ष) के रूप में हुई है। इनके साथ सेठपाल के साढ़ू हरिओम भी थे, जो लखीमपुर खीरी जिले के थाना उचौलिया क्षेत्र के बनके गांव के रहने वाले थे।
परिजनों के मुताबिक, हरिओम अपने साढ़ू सेठपाल के घर निगोही आए हुए थे। कुछ देर बातचीत के बाद वह सभी बाइक से बुध बाजार गए, जहां खरीदारी की। शाम को पांचों लोग मठिया कॉलोनी लौट रहे थे।
शॉर्टकट बना मौत का रास्ता
बताया जा रहा है कि उन्हें ओवरब्रिज होकर मुख्य मार्ग से कॉलोनी की ओर जाना चाहिए था। यह रास्ता भले ही भीड़भाड़ वाला था, लेकिन महज एक किलोमीटर की दूरी 10 मिनट में तय हो जाती। इसके बजाय हरिओम ने शॉर्टकट का रास्ता चुना।
वह ओवरब्रिज के नीचे से होते हुए रोजा जंक्शन के पास रेलवे पटरियों तक पहुंच गए। इस स्थान पर पटरियों के बीच सीमेंटेड हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल रेल पार्सल ट्रॉली के आवागमन के लिए किया जाता है। शाम करीब 6:15 बजे जैसे ही बाइक उस हिस्से पर चढ़ी, उसी वक्त तेज रफ्तार गरीब रथ एक्सप्रेस आ गई।
आरपीएफ की लापरवाही पर सवाल
गरीब रथ एक्सप्रेस रोजा जंक्शन पर नहीं रुकती, इसलिए उसकी रफ्तार काफी तेज थी। ट्रेन चालक को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर अवैध आवागमन रोकने को लेकर आरपीएफ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। नियमों के मुताबिक ऐसे स्थानों पर निगरानी की जिम्मेदारी आरपीएफ की होती है, लेकिन हादसे के वक्त वहां एक भी सिपाही मौजूद नहीं था।
गांव में पसरा मातम
घटना की खबर जैसे ही गांव पहुंची, परिजनों में कोहराम मच गया। एक ही परिवार के चार सदस्यों और एक रिश्तेदार की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।














