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पलामू: पलामू पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीते 17 मई को तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल सब जोनल कमांडर गौतम यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह अपना नाम बदलकर इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल हुआ था। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में जख्मी होने के बाद बच निकले गौतम ने वाराणसी के अस्पताल में अपना नाम मिथिलेश यादव दर्ज कराया। यहां उसके इलाज का इंतजाम नक्सली संगठन के 10 लाख के इनामी कमांडर शशिकांत गंझू ने कराया था।

पलामू जिले की एसपी रिष्मा रमेशन ने गौतम की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। वाराणसी की कोर्ट में पेशी इलाज से स्थिति में सुधार के बाद उसे पलामू लाया जाएगा। बताया गया कि पलामू की एसपी रिष्मा रमेशन को घायल नक्सली के वाराणसी में होने की गुप्त सूचना मिली। उन्होंने इस मामले में कार्रवाई के लिए एएसपी राकेश सिंह की अगुवाई में स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम गठित की, जिसने अस्पताल में छापा मारकर गौतम को गिरफ्तार कर लिया।

बताया गया कि 15 मई को पलामू जिले के मनातू थाना क्षेत्र अंतर्गत बसकटिया के जंगल में पुलिस टीएसपीसी के नक्सलियों के दस्ते के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग हुई थी। मुठभेड़ में नक्सली गौतम यादव के पेट में गोली लगी थी। जख्मी हालत में ही वह बचकर भाग निकला था। इसके बाद वह अपने एक रिश्तेदार के साथ वाराणसी पहुंच गया था। इस मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने जंगल से एके-47 की गोली सहित अन्य सामान बरामद किए थे। पुलिस के अनुसार, नक्सली जंगल में किसी बड़ी वारदात की योजना बनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। सर्च ऑपरेशन पर निकली पुलिस टीम को देखते ही उन्होंने गोलीबारी शुरू की थी, जिसके बाद पुलिस ने भी मोर्चा लेकर जवाबी फायरिंग की थी।

इस मुठभेड़ को लेकर मनातू थाना प्रभारी निर्मल उरांव के बयान पर नक्सली कमांडर शशिकांत गंझू गौतम यादव सहित कुल 13 नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।