Dayanidhi Maran’s Controversial Statement:- डीएमके (DMK) के सांसद दयानिधि मारन की बयानबाज़ी पर सियासी पारा चढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में “यूपी-बिहार के हिंदी भाषी लोग तमिलनाडु में सड़क-शौचालय साफ करते हैं।” इस बयान के बाद से ही बिहार में सियासत गरमा चुकी है। विपक्ष के नेताओं ने इंडिया गठबंधन को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा, जदयू, राजद समेत कई पार्टियों ने डीएमके नेता के बयान की आलोचना की है।
डीएमके सांसद दयानिधि मारन का कहना है कि यूपी/बिहार के हिंदी भाषी लोग तमिलनाडु आते हैं और सड़कें और शौचालय साफ करते हैं। क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव हिंदी भाषी लोगों पर अपने गठबंधन सहयोगी की राय से सहमत हैं? उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि DMK और I.N.D.I गठबंधन… pic.twitter.com/yFRCYK7fXi
दयानिधि मारन के इस विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप को भाजपा नेता खूब साझा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विवादित बयान पर उनकी राय पूछ रहे हैं। बेगूसराय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी सीएम नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि “क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव, हिंदी भाषी लोगों पर अपने गठबंधन सहयोगी की राय से सहमत हैं? उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि डीएमके (DMK) और I.N.D.I गठबंधन को हिंदी भाषी बिहारी भाइयों और बहनों से इतनी नफरत क्यों है?”
हालांकि, यह पहला मामला नही है जब किसी डीएमके नेता द्वारा हिंदी भाषी राज्य या सनातन धर्म के ऊपर विवादित टिप्पणी की गई हो। हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान डीएमके सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने हिंदी भाषी राज्यों को गोमूत्र स्टेट्स बताया था। 3 राज्यों (छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश) के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के परिपेक्ष में यह बयान दिया गया था।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि – मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।