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प्रिंसिपल पर 7वीं की छात्रा से दुष्कर्म और निकाह का दबाव बनाने का आरोप, गिरफ्तार

On: September 3, 2025 9:49 AM
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अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक शर्मनाक मामला सामने आया है। जवां ब्लॉक के गोधा थाना क्षेत्र स्थित तालिवनगर के प्राथमिक जूनियर हाईस्कूल की सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्षीय छात्रा ने स्कूल के प्रिंसिपल शकील अहमद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा ने बताया कि आरोपी प्रिंसिपल उसे लगातार परेशान करता था, छेड़खानी करता था और धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बना रहा था।

छात्रा ने मां को बताई आपबीती

जानकारी के अनुसार, छात्रा जब स्कूल जाने से मना करने लगी तो मां को शक हुआ। जब उसने बेटी से सख्ती से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आया। बच्ची ने रोते हुए मां को बताया कि स्कूल का प्रिंसिपल उसे डराता-धमकाता है और किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देता है।

लव लेटर में निकाह की बात

छात्रा की मां का आरोप है कि एक बार प्रिंसिपल ने उसकी बिटिया को लव लेटर लिखा था। पत्र में उसने लिखा था कि वह बच्ची को बहुत पसंद करता है, उसे पत्नी की तरह देखता है और उससे निकाह करना चाहता है।

डीएम-एसएसपी से शिकायत, मुकदमा दर्ज

बिटिया की आपबीती सुनने के बाद मां अपनी बेटी को लेकर सीधे डीएम और एसएसपी के पास पहुंची और पूरी शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता देखते हुए आला अधिकारियों ने तत्काल जांच करवाई और पोक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।

गिरफ्तार कर जेल भेजा गया आरोपी प्रिंसिपल

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रिंसिपल शकील अहमद को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया। वहीं पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए दीनदयाल हॉस्पिटल भेजा गया है।

बीएसए ने किया निलंबित, सेवाएं होंगी समाप्त

बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राकेश कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद आरोपी प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उसकी सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

बीएसए ने यह भी कहा कि प्रिंसिपल छात्रा के साथ छेड़छाड़ करता था और निकाह के नाम पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। यह मामला बेहद गंभीर है और शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि आरोपी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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