रांची : महिला आरक्षण बिल वर्ष 1996 से इसलिए लटकता आ रहा था की इस महिला आरक्षण बिल में लगातार कोटा में उप कोटा की मांग ओबीसी समर्थक नेताओं के द्वारा की जाती रही थी। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने प्रेस वार्ता में कही, उन्होंने कहा कि अगर बिना उप कोटा के लोकसभा में यह महिला आरक्षण बिल पास हो जाता है तो ओबीसी, एससी, एसटी महिलाओं के लिए काला दिन होगा। और माननीय ओबीसी प्रधानमंत्री के लिए भी काला दिवस होगा। क्योंकि वह अपने आप को ओबीसी हितैषी कहते हैं।
यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस पार्टी वर्तमान आरक्षण बिल के समर्थन में है।
वर्तमान महिला आरक्षण बिल पास होता है तो ओबीसी, एससी, एसटी महिलाओं के लिए काला दिन होगा – ओबीसी मोर्चा
इंडिया गठबंधन में आने वाले अन्य पार्टियों का क्या रुख है यह सामने आनी चाहिए राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा पिछड़े वर्ग के ही हितैसी पार्टियों से मांग करता है कि इस संबंध में (राष्ट्रीय जनता दल समाजवादी पार्टी जदयू डीएमके,राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी शरद पवार) आदि पार्टियों महिला आरक्षण के कोटा में उप कोटा लागू करने के समर्थन में आए और भारत बंद कराए जिसका देश के समस्त एससी एसटी ओबीसी के सामाजिक संगठन समर्थन में होंगे। नहीं तो देश के एससी एसटी ओबीसी वर्ग के सामाजिक संगठन सड़क पर उतरकर भारत बंद करेंगे।
वर्तमान महिला आरक्षण बिल पास हो जाने से सिर्फ अगड़ी जातियों के ही महिलाएं आरक्षण का फायदा लेंगी। एससी एसटी ओबीसी वर्ग के महिलाएं हाशिये पर रहेंगे।
वर्तमान समय में एससी एसटी ओबीसी वर्ग के पुरुष न्यायपालिका, पत्रकारिता ,उच्च नौकरशाही यूनिवर्सिटी आदि में बमुश्किल दो चार है। राजनीति में उप कोटा ना देखकर उनका हक मार दिया जाएगा। अब ना एमपी बनेंगे, ना एमएलए ꫰
ऐसे भी संसद में ओबीसी सांसदों की संख्या घटी है और इन्हें राज्यसभा में भी नहीं भेजा जाता है। माननीय प्रधानमंत्री से मेरी मांग है कि जिस तरह से ग्राम पंचायत, शहरी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी एससी एसटी का आरक्षण है इस तरह लोकसभा और विधानसभा में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान किया जाए।