बिहार न्यूज़:- राजधानी पटना के बाढ़ थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव में कुख्यात अपराधी सूली यादव को पकड़ने गई पुलिस की टीम को रविवार की रात ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से पीट दिया और कुख्यात अपराधी को पुलिस हिरासत से छुड़ा ले गए। हमले में 2 दारोगा और 1 सिपाही को चोट लगी है। इस मामले में थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक प्रदीप कुमार के बयान पर केस दर्ज किया गया है। तीन महिला समेत 14 लोगों को नामजद किया गया है।
अचानक हुए हमले से पुलिस घबराई
सूली यादव पर बाढ़ थाने में कई जघन्य मामले दर्ज हैं। पुलिस को वांछित अपराधी सूली यादव के डुमरिया गांव में होने की सूचना मिली थी। इसके बाद थानेदार प्रदीप कुमार के नेतृत्व में पुलिस की विशेष टीम बनाई गई। पुलिसकर्मियों ने बीते रविवार की रात में नाकाबंदी कर सूली यादव को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कार्रवाई का आरोपित के समर्थक विरोध करने लगे। रात करीब 8:00 बजे जैसे ही पुलिसकर्मी सूली यादव को लेकर गांव से बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान लाठी-डंडों से लैस सूली के समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमले में दारोगा मनीष कुमार, मणिदर्शन और सिपाही नंदलाल को काफी चोट लगी है। वहीं, मारपीट के बाद हमलावरों ने सूली यादव को मुक्त करा लिया। अचानक हुए इस हमले से पुलिस घबरा गई। हमले में महिलाएं भी शामिल थीं और पुलिसकर्मियों को हत्या की धमकी भी दे रही थीं। इसी दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर सभी भागने में सफल हो गए। बाद में घायल पुलिसकर्मियों को बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वरीय अधिकारियों का निकम्मापन
हैरत की बात यह है कि पुलिस पर हमला और कुख्यात अपराधी को मुक्त कराने की वारदात के 24 घंटे बाद भी वरीय अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा नहीं लिया। पुलिस ने सूली यादव समेत सभी हमला करने वाले लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार हमले में मुख्यतः मुन्ना यादव, दिनेश यादव, देवी यादव और फूलचंद यादव शामिल थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक ‘फिलहाल सभी आरोपी गिरफ्तारी के डर से गांव छोड़कर फरार हैं। जल्द ही सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’