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बुलडोजर चला 400 एकड़ जमीन पर और हजारों जानवर बेघर

जहां जंगल ना हो वहां बनाना चाहिए आईटी पार्क

जमशेदपुर: तेलंगाना कांचा गछीबोली जंगल में बुलडोजर चलाया गया 400 एकड़ जमीनों पर और हजारों जानवर बेघर हो गए। HCU छात्रों ने विरोध किया तो सरकार ने लाठी चार्ज करवा दिया और प्रदर्शन को रोकने का प्रयास किया। यह बहुत गलत बात है। उक्त बातें भाजपा नेता दुवारिका शर्मा ने कही।


भाजपा नेता दुवारिका शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि तेलंगाना की सरकार जो है। Revanth Reddy जो कि CM है तेलंगाना की।

तेलंगाना कांचा गछीबोली जंगल में बुलडोजर चलाया जा रहा है जमकर और हजारों पेड़ कटवा रहे हैं और हजारों जानवर बेघर हो रहे हैं सरकार का मकसद यह है कि वहां एक आईटी पार्क बनाने की योजना है। लेकिन लोगों का आक्रोश यह है कि वहां पर आईटी पार्क नहीं बनना चाहिए और ना ही जंगल को काटना चाहिए। लेकिन तेलंगाना की सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है और जो सरकार जंगल को काट रही है और उसमें आईटी पार्क बनवा चाह रहे हैं। यह बहुत गलत बात है। इस वजह से HCU के छात्रों का विरोध और प्रदर्शन देखने को मिला। विरोध के बाद सरकारों के अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए । सरकार यही नहीं रुकी विरोध प्रदर्शन करने वालों छात्रों को लाठी चार्ज किया और विरोध प्रदर्शन को रोका गया। यह बहुत गलत बात है।

भाजपा नेता दुवारिका शर्मा यह बोलते हुए कहा कि तेलंगाना सरकार को आईटी पार्क बनाना है तो उस जंगल को ना ही काटे तो अच्छा रहेगा अगर काटना है और आईटी पार्क बनाना है तो उस जगह का पता करें जिस जगह पर जंगल ना हो और उस जगह पर आईटी पार्क बनवाना चाहिए न कि जंगलों को काटकर और हजारों जानवर को बेघर कर ।

जंगल की जगह:

यह जंगल हैदराबाद के पास, कांचा गाचीबोवली में स्थित है।

सरकार की योजना:

राज्य सरकार इस जंगल को साफ करके, वहां एक आईटी पार्क बनाना चाहती है।

पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की चिंता

पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जंगल कई पक्षियों और अन्य जानवरों का घर है, और इसे साफ करने से पर्यावरण को नुकसान होगा।

जंगल में पाए जाने वाले जीव

इस जंगल में 200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां और कई अन्य जानवर रहते हैं.

जंगल में पाए जाने वाले पेड़

इस जंगल में कई पुराने पेड़ हैं।

जंगल में पाए जाने वाले अन्य प्राकृतिक संरचनाएं:

इस जंगल में मशरूम रॉक, बुफेलो लेक और पीकॉक लेक जैसी प्राकृतिक संरचनाएं भी हैं

विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के बीच विवाद:

विश्वविद्यालय और राज्य सरकार दोनों इस जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं।

पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी)

सरकार पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी) के अतिरिक्त, ऐसे स्थलों के आसपास पार्क विकसित करके भूमि में ऐतिहासिक चट्टान संरचनाओं को नुकसान न पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।