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मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आज लाया जाएगा भारत! दिल्ली या मुंबई जेल में जा सकता है रखा

On: April 9, 2025 4:46 AM
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एजेंसी: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज भारत लाया जा सकता है। उसे दिल्ली या मुंबई के जेल में रखा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि उसे मुंबई आर्थर रोड जेल में उस बैरक में रखा जाएगा जिसमें आतंकी कसाब को रखा गया था। वहीं दूसरी ओर खबर यह भी है कि उसे दिल्ली के तिहाड़ जेल में भी रखा जा सकता है। उसे भारत लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा।

वह एनआईए एक स्टडी में रहेगा। बता दे कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। आज देर रात उसे लाया जा सकता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों और गृह मंत्रालय ने इस ऑपरेशन के लिए विशेष योजना तैयार की है। दिल्ली और मुंबई की दो जेलों में कड़ी सुरक्षा के साथ बंदोबस्त किए गए हैं, जहां राणा को लाने के बाद रखा जाएगा। माना जा रहा है कि प्रारंभिक पूछताछ के लिए उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में रखा जाएगा।

अमेरिका में गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया

तहव्वुर राणा और डेविड हेडली को वर्ष 2009 में एफबीआई ने डेनमार्क के एक अखबार पर आतंकी हमले की साजिश और लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। भारत ने 2019 में राणा के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिका को कूटनीतिक नोट सौंपा था। इसके बाद जून 2020 में भारत सरकार ने उसकी अस्थायी गिरफ्तारी के लिए औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। अमेरिका की अदालत ने फरवरी 2024 में भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी हरी झंडी दी। यह कदम भारत के लिए एक बड़ी कानूनी और कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।

26/11 आतंकी हमले में राणा की संदिग्ध भूमिका

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों में 174 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। इन हमलों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और ISI का हाथ माना गया। तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने अपने सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली को भारत में रेकी और टारगेट्स की पहचान में मदद की। हेडली ने राणा की इमिग्रेशन कंपनी के सहारे भारत में फर्जी पहचान के साथ कई बार यात्रा की।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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