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महिला ने नवजात को फ्रीजर में डाला, बाल-बाल बची जान; जांच में सामने आई हैरान करने वाली वजह

On: September 8, 2025 10:47 PM
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मुरादाबाद: उत्तरप्रदेश में मुरादाबाद जिले के करुला मोहल्ले में शुक्रवार को घटी एक घटना ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। यहां एक महिला ने अचानक अपने 15 दिन के मासूम बेटे को फ्रीजर में डाल दिया। ठंडे तापमान में बच्चा जोर-जोर से रोने लगा तो घरवालों को शक हुआ। आवाज सुनते ही परिजन दौड़े और तुरंत बच्चे को बाहर निकाला। समय रहते सतर्कता बरतने के कारण बच्चे की जान बच गई, वरना यह हादसा बड़ा रूप ले सकता था।

मानसिक बीमारी बनी वजह

जांच के बाद सामने आया कि यह घटना किसी अंधविश्वास, लापरवाही या जानबूझकर किए गए कृत्य का परिणाम नहीं थी। दरअसल, महिला पोस्ट पार्टम साइकोसिस (Postpartum Psychosis) नामक गंभीर मानसिक रोग से पीड़ित है।
यह एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक मानसिक स्थिति है, जो कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद घेर लेती है। इस बीमारी में महिला वास्तविकता से संपर्क खो बैठती है और कई बार अपने बच्चे या खुद को नुकसान पहुंचाने जैसी कोशिश कर बैठती है।

परिवार की सतर्कता ने बचाई जान

जांकाईके मुताबिक, महिला ने अचानक बच्चे को उठाकर फ्रीजर में डाल दिया। मासूम के तेज रोने की आवाज ने घरवालों को चौकन्ना कर दिया। वे तुरंत दौड़े और बच्चे को बाहर निकाल लिया। नवजात को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और वह पूरी तरह सुरक्षित है।

इलाज करवा रहे हैं परिजन

घटना के बाद परिवारजन ने महिला की हालत को गंभीरता से लिया और तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया। वर्तमान में उसका इलाज कराया जा रहा है। परिजनों का कहना है कि उन्हें पहले इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन अब डॉक्टरों की देखरेख में महिला का उपचार जारी है।

क्या है पोस्ट पार्टम साइकोसिस?

चिकित्सकों के अनुसार, पोस्ट पार्टम साइकोसिस एक दुर्लभ मानसिक रोग है, जो लगभग 1000 प्रसूताओं में से 1-2 महिलाओं को हो सकता है। इसके लक्षणों में अचानक मूड स्विंग, भ्रम, वास्तविकता से संपर्क टूटना, डर या असुरक्षा की भावना, और कई बार आक्रामक व्यवहार शामिल हैं। समय पर इलाज न होने पर यह स्थिति माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

विशेषज्ञों की अपील

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि प्रसव के बाद महिलाओं के व्यवहार और मानसिक स्थिति पर परिवार विशेष ध्यान दें। यदि किसी तरह का असामान्य व्यवहार दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। समय रहते इलाज मिलने पर यह रोग पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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