रांची :- विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारी को लेकर बिरसा मुंडा स्मृति पार्क को जिस तरह से नुक़सान पहुंचाया जा रहा है, तोड़ फोड़ की जा रही है, पेड़ों को उखाड़ कर फेंक दिया गया यह स्वीकार्य नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री और राँची की महापौर आशा लकड़ा ने बिरसा मुंडा स्मृति पार्क का मुवायना किया। इस क्रम में उन्होंने राज्य सरकार की अदूरदर्शिता की आलोचना करते हुए कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री 74वें राज्यव्यापी वन महोत्सव में लोगों से पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ लगाने एवं पेड़ बचाने की अपील कर रहे हैं। वहीं स्थानीय प्रशासन पेड़ों को उखाड़कर न सिर्फ़ पार्क की सुंदरता को नष्ट कर रहा है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयास को ठेंगा दिखा रहा है।
आशा लकड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से इस पार्क को आकर्षक ढंग से संवारा गया। 15 नवम्बर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन कर बिरसा मुंडा की जयंती को पूरे भारत में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत कर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को अविस्मरणीय बनाने की पहल किया। वहीं स्थानीय प्रशासन के अर्द्धविवेकपूर्ण रवैये के कारण पार्किंग की छत को ड्रिल कर नुक़सान पहुंचाया जाना, लोगों के बैठने के लिए बनाया गया मंडप को तोड़ा जाना समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा पार्क, संग्रहालय का कण कण पवित्र है। 35एकड़ भूमि में विकसित यह स्थल झारखंड सहित पूरे देश की जनता केलिए प्रेरणा स्थल है। झारखंड के प्रत्येक जनजाति गांव के सरना स्थल की मिट्टी इस परिसर में प्रतिष्ठित है। यह स्थल जनजाति समाज के गौरव भगवान बिरसा मुंडा की तपस्थली,संघर्ष स्थली है जहां धरती आबा ने झारखंड में अंग्रेजो के शोषण के खिलाफ और जनजाति समाज की संस्कृति ,पहचान केलिए संघर्ष करते हुए अपनी अंतिम सांस ली थी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम कहीं दूसरे स्थान पर भी करवाया जा सकता था। इस स्थान से खिलवाड़ करना जनजातीय समाज के गौरव से खिलवाड़ करने जैसा है।
भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री से माँग करती है कि पार्क को कोई नुक़सान न पहुँचाया जाए साथ ही काटे गए पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाए जाए। पार्क को क्षति पहुँचाने के ज़िम्मेवार लोगों के ख़िलाफ़ सरकार कार्रवाई सुनिश्चित करे।