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पिता ने आईफोन दिलाने से मना किया तो बेटे ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली

On: August 20, 2025 11:00 PM
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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। रोरावर थाना क्षेत्र के खैर रोड स्थित नवमान कॉलोनी में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर अनिल पचौरी के 17 वर्षीय बेटे प्रिंस पचौरी ने आईफोन न मिलने पर बुधवार दोपहर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।

लापता होने के बाद गाजियाबाद से बरामद

जानकारी के अनुसार, प्रिंस मंगलवार देर रात घर से अचानक लापता हो गया था। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट रोरावर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस की जांच में पहले प्रिंस की लोकेशन बुलंदशहर, फिर गाजियाबाद मिली। पुलिस परिजनों के साथ गाजियाबाद पहुंची और वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास फुट ओवरब्रिज से प्रिंस को बरामद कर लिया। बुधवार सुबह करीब छह बजे पुलिस ने प्रिंस को परिजनों के सुपुर्द किया और परिवार उसे घर लेकर आ गया।

दोपहर में उठाया खौफनाक कदम

बुधवार दोपहर जब घर के लोग आराम कर रहे थे, तभी प्रिंस ने घर में रखे तमंचे से अपने सीने में गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन भागे तो देखा कि प्रिंस लहूलुहान हालत में छत पर पड़ा हुआ था। आनन-फानन में उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया। डॉक्टरों ने जांच के बाद प्रिंस को मृत घोषित कर दिया।

आईफोन मांग रहा था बेटा – पिता

पिता अनिल पचौरी ने पुलिस को बताया कि बेटा लंबे समय से आईफोन दिलाने की जिद कर रहा था। डांटने पर वह नाराज होकर घर से चला गया था। घर लौटने के बाद उसने खौफनाक कदम उठा लिया। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि घर में पहले से तमंचा रखा हुआ था, जिससे उसने आत्मघाती कदम उठाया।

इकलौते बेटे की मौत से परिवार सदमे में

प्रिंस अपने घर का इकलौता बेटा था। उसकी एक बहन है, जिसका रो-रोकर बुरा हाल है। मां और अन्य परिजन बेटे की मौत से गहरे सदमे में हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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