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झारखंड वार्ता न्यूज

मेदिनीनगर (पलामू) :– पलामू में बाबा बागेश्वर धाम सरकार के आगामी 10,11 व 12 दिसंबर को होने वाले हनुमत कथा को जिला प्रशासन ने स्थगित करने पर प्रशासन के प्रति लोगों का काफी नाराजगी है। हनुमत कथा आयोजन समिति की संयोजक सह निवर्तमान महापौर अरुणा शंकर ने बागेश्वर धाम सरकार के निर्धारित कार्यक्रम के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अनुमति देने के बाद इसे उपायुक्त द्वारा स्थगित करने के मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि कार्यक्रम आयोजन को लेकर उच्च न्यायालय में भी अर्जी लगाई गई है। 30 नवंबर को सुनवाई होनी है।

महापौर अरुणा शंकर फाइल फोटो

कार्यक्रम के स्‍थगन की प्रमुख वजहें

मेदिनीनगर में कई बिंदुओं पर समीक्षा के बाद दो दिन पूर्व अनुमति पत्र निर्गत कर दिया गया था। उपायुक्त, पलामू द्वारा दिए गए पत्र में नदी के तट पर प्रदूषण फैलने, बरसात आने पर बड़ी दुर्घटना व सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सरकार आपके द्वार का प्रारंभ होना स्थगन का मुख्य कारण बताया गया है। जब प्रमंडल के नदी तट पर लाखों लोगों की भीड़ के साथ अभी-अभी छठ महापर्व शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। पलामू किले के समीप नदी पर वर्षों से सफलतापूर्वक तीन दिवसीय पलामू मेला लगाया गया।जोड़, पूर्वडीहा, सिंगरा में भी हर वर्ष नदी तट पर बड़े स्तर पर लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सफलतापूर्वक मेले का आयोजन किया जाता है। उपरोक्त समारोहों में कभी प्रदूषण की शर्तें नहीं रखी जाती। फिर इसमें अड़ंगा कहां से उचित है।

कार्यक्रम की अनुमति नहीं देना खड़े कर रही कई सवाल

उन्होंने कहा, ऐसे धार्मिक आयोजन से प्रदूषण नहीं, बल्कि वातावरण स्वच्छ होता है। रही बात सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आपकी सरकार, आपके द्वार की, तो इसके तहत पदाधिकारियों को गांव-गांव में खुद जाकर सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को देना है न की कोई भीड़ जमा करनी है।

पलामू में यह कार्यक्रम नदी तट पर करने का प्रस्ताव था लेकिन रांची, धनबाद, गिरिडीह, बाघमारा में अनुमति नहीं देना कई प्रश्न खड़े कर रहे हैं। बताया कि जल्द बागेश्वर सरकार के कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन को एक-दो दिनों के अंदर नदी तट से दूर नए कथा स्थल को प्रस्तावित करने जा रहे हैं

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