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8 आतंकियों ने चार शहरों में सीरियल ब्लास्ट का बनाया था प्लान, जांच में बड़ा खुलासा

On: November 13, 2025 12:15 PM
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नई दिल्ली: राजधानी के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए भयानक विस्फोट ने पूरे शहर को झकझोर दिया है और जांच में अब चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। प्रथम चरण की पूछताछ और फोरेंसिक जांच से पता चला है कि यह हमला सिर्फ एक अकेला कदम नहीं था बल्कि आठ आतंकियों द्वारा चार बड़े शहरों में एक साथ या क्रमिक रूप से विस्फोट कराए जाने की योजना का हिस्सा था।

जांच के शुरुआती निष्कर्षों के मुताबिक़ अपराधियों ने लक्षित शहरों को दो-दो सदस्यों वाले चार समूहों में बांटने का प्लान बनाया था। आरोपियों में मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन प्रमुख नामों में शामिल हैं। जांच एजेंसियों ने बताया कि मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नगद जुटाए जो कि दिल्ली धमाके से पहले उमर को सौंप दिए गए थे। लेकिन पैसों को लेकर उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच विवाद शुरू हो गया, और उमर ने सिग्नल ऐप पर 2-4 मेंबर्स के एक गुप्त ग्रुप का गठन कर लिया, जो संदिग्ध गतिविधियों की एक नई कड़ी मानी जा रही है।

इसी बीच जुटाई गई जानकारियों के अनुसार आतंकियों ने गुरुग्राम, नूह और आसपास के इलाकों से 20 क्विंटल से अधिक मात्रा में NPK उर्वरक खरीदा, जिसकी अनुमानित कुल लागत करीब तीन लाख रुपये बताई जा रही है। जांचकर्ता इस उर्वरक की खरीद और उपयोग विधियों की पड़ताल कर रहे हैं, क्योंकि उर्वरक का दुरुपयोग विस्फोटक बनाने में किया जा सकता है।

जांच में यह भी सामने आया कि धमाके में उपयोग की गई व अन्य संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ी कुछ पुरानी गाड़ियां जैसे कि i20 और फोर्ड इकोस्पोर्ट शामिल हैं। फॉरेंसिक टीमों ने पाया कि आरोपियों की योजना में इसी तरह की और वाहन तैयार करना भी था, ताकि उनमें विस्फोटक भरकर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई जा सके। एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि क्या इन वाहनों में विशेष तौर पर विस्फोटक भरने या विस्फोट फैलाने के लिए कोई मॉडिफिकेशन किये जा रहे थे।

घटनास्थल पर मिली प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक़ लाल किले के पास हुए धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। अस्पतालों और आपातकालीन सेवाओं पर दबाव बना हुआ है, और स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। जांचकर्ता फिलहाल यह भी जांच रहे हैं कि क्या इस मॉड्यूल का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है। फिलहाल कुछ साक्ष्यों के आधार पर एजेंसियों का अनुमान है कि यह जैश-ए-मोहम्मद के किसी नए मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की तह तक जाने के लिए एसपी रैंक के सीनियर अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित कर दी है। इस टीम को आंतरिक संचार, वित्तीय लेनदेन, मोबाइल मैसेजिंग ऐप्स और वाहन-खरीद की पूरी चेन की पड़ताल करने का काम सौंपा गया है। साथ ही, आसपास के सीसीटीवी फुटेज, पेट्रोल/डिज़ल खरीदारियों के रजिस्टर और उर्वरक सप्लाई की सप्लायर्स से भी पूछताछ की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि घटना की पृष्ठभूमि और संदिग्धों के नेटवर्क का भौगोलिक विस्तार जानने के लिए कई राज्यों में तलाशी एवं पूछताछ अभियान चल रहे हैं। इस बीच सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और केंद्रीय एजेंसियां स्थानीय सुरक्षा बलों के साथ समन्वय करके स्थिति नियंत्रित करने में लगी हुई हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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