नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 3,084 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। इनमें मुंबई के बांद्रा में अंबानी का पाली हिल हाउस और दिल्ली, नोएडा, मुंबई, गोवा, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई सहित अन्य शहरों में रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अन्य फ्लैट, प्लॉट और कार्यालय शामिल हैं। यह कदम कर्ज धोखाधड़ी (लोन फ्रॉड) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में उठाया गया है।
कंपनी का पुराना बयान- ‘आरोप बेबुनियाद’
हालांकि, रिलायंस ग्रुप पहले ही खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर चुका है। 1 अक्टूबर को जारी एक आधिकारिक बयान में कंपनी ने कहा था कि 17,000 करोड़ रुपये के कथित अनियमितता के दावे और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े आरोप ‘‘पूरी तरह काल्पनिक’’ हैं। बयान के अनुसार, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था का बकाया नहीं है और जून 2025 तक इसका नेटवर्थ 14,883 करोड़ रुपये है।
कई एजेंसियां कर रहीं जांच
ED के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी इस मामले में जांच कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियों में वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की जांच चल रही है, जिनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है। इसी केस में यस बैंक, उसके पूर्व सीईओ राणा कपूर और उनके रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनियों के बीच कथित धोखाधड़ी वाले लेनदेन की जांच भी की जा रही है। इस सिलसिले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और ED ने इस साल अगस्त में अनिल अंबानी से पूछताछ भी की थी।
क्या है अगला कदम?
ED की ओर से जल्द ही इस कुर्की पर विस्तृत जानकारी सामने आने की संभावना है। माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच आगे और तेज हो सकती है।













