ईडी के समन के खिलाफ सीएम हेमंत सुप्रीम कोर्ट,की याचिका दायर

On: August 25, 2023 6:15 AM

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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए हैं। उन्होंने इडी के समन के खिलाफ याचिका दायर की है।
बता दें कि ईडी ने दूसरी बार समन जारी कर सीएम को 24 अगस्त को पूछताछ के लिए ईडी के जोनल कार्यालय बुलाया था लेकिन वे हाजिर नहीं हुए और सीएम सचिवालय के विशेष संदेशवाहक के जरिए एक सील बंद लिफाफा इडी को भेजा था।
गौरतलब हो कि जमीन घोटाले मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए पहले 8 अगस्त को और फिर 19 अगस्त को समन जारी किया था।
हेमंत सोरेन के रुख से यह जरूर साफ हो गया है कि वे जांच एजेंसी के साथ अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
इसके पहले ईडी ने जब उन्हें 14 अगस्त को हाजिर होने का समन भेजा था, तब उन्होंने इसके जवाब में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को लिखे पत्र में कहा था कि आप और आपके पॉलिटिकल मास्टर अच्छी तरह जानते हैं कि मुख्यमंत्री को 15 अगस्त को ध्वजारोहण करना होता है।
इसकी तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है। यह जानने के बावजूद 14 अगस्त को बुलाया गया। इससे साफ है कि जानबूझकर न सिर्फ उनकी बल्कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने ईडी की ओर से भेजे गए समन वापस लेने को कहा था। सीएम ने पत्र में लिखा था कि ऐसा न होने पर वे कानून का सहारा लेने को बाध्य होंगे। सोरेन के इस पत्र के बाद ईडी ने उन्हें दूसरा समन भेजते हुए 24 अगस्त यानी गुरुवार को उपस्थित होने के लिए कहा था।
ईडी ने समन में कहा है कि वह रांची स्थित जोनल कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी संपत्ति के ब्योरे पर बयान रिकॉर्ड कराएं। यह लगातार दूसरी बार है, जब सोरेन ईडी के बुलावे पर नहीं पहुंचे। सोरेन के ईडी दफ्तर जाने, न जाने को लेकर दोपहर तक सस्पेंस बना रहा। इस वजह से रांची के एयरपोर्ट स्थित ईडी दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।
दोपहर तक सीएम के पहुंचने का इंतजार होता रहा, लेकिन पिछली बार की तरह सीएम सचिवालय की ओर से ईडी को चिट्ठी भेजी गई है।
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखी गई पिछली चिट्ठी में सोरेन ने कहा था कि समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है, जिससे मेरे खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो। जहां तक संपत्ति की बात है तो इससे जुड़ी तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है।
सीएम ने यह भी कहा था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं।
ईडी ने दूसरी बार समन जारी कर सीएम को 24 अगस्त को पूछताछ के लिए ईडी के जोनल कार्यालय रांची में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ईडी के समन के खिलाफ गुरुवार को सीएम पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। बल्कि सीएम आवास के एक कर्मी ईडी कार्यालय पहुंचा और ईडी अधिकारियों को एक पत्र देकर वापस चला गया। उल्लेखनीय है कि जमीन घोटाले मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए पहले 8 अगस्त को और फिर 19 अगस्त को समन जारी किया था।
इसकी तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है। यह जानने के बावजूद 14 अगस्त को बुलाया गया। इससे साफ है कि जानबूझकर न सिर्फ उनकी बल्कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने ईडी की ओर से भेजे गए समन वापस लेने को कहा था। सीएम ने पत्र में लिखा था कि ऐसा न होने पर वे कानून का सहारा लेने को बाध्य होंगे। सोरेन के इस पत्र के बाद ईडी ने उन्हें दूसरा समन भेजते हुए 24 अगस्त यानी गुरुवार को उपस्थित होने के लिए कहा था।
लगातार दूसरी बार है, जब सोरेन ईडी के बुलावे पर नहीं पहुंचे। सोरेन के ईडी दफ्तर जाने, न जाने को लेकर दोपहर तक सस्पेंस बना रहा। इस वजह से रांची के एयरपोर्ट स्थित ईडी दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।
दोपहर तक सीएम के पहुंचने का इंतजार होता रहा, लेकिन पिछली बार की तरह सीएम सचिवालय की ओर से ईडी को चिट्ठी भेजी गई है।
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखी गई पिछली चिट्ठी में सोरेन ने कहा था कि समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है, जिससे मेरे खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो। जहां तक संपत्ति की बात है तो इससे जुड़ी तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है।
सीएम ने यह भी कहा था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं।