प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का आज पूर्वी सिंहभूम जिले में शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय श्री एल मुरुगन,माननीय मंत्री श्री बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण तथा आपदा प्रबंधन विभाग, माननीय सांसद श्री विद्युत वरण महतो, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू, डिविजनल कमिश्नर श्री मनोज कुमार, निदेशक उद्योग श्री अरवा राजकमल आदि शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। जिसके पश्चात अंतिम व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाने के उदेश्य से मंचासिन सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई।
कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण, टूल किट, ऋण और पहचान पत्र दिया जाएगा
उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार ने अपने स्वागत भाषण में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल सभी गणमान्य अतिथियों, पदाधिकारिओं, मीडिया बंधुओं, कारीगरों समेत अन्य सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह योजना पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता और उन्नत उपकरण प्रदान करने के लिए शुरू की जा रही है। योजना के लाभों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों को आधारभूत कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। योजना के अंतर्गत चलने वाले प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 500 रुपये प्रति दिन का स्टाइपेंड दिया जायेगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, उन्हें 15,000 रुपये का टूल किट दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें पहले चरण में 1 लाख रुपये का ऋण और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का ऋण 5 प्रतिशत ब्याज दर से दिया जायेगा। यह ऋण कोलेटरल फ्री ऋण के रूप में दिया जाएगा। साथ ही पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे। योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित है जिसमे कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथोडा और टूल किट बनाने वाले,सुनार,कुम्हार,मूर्तिकार, मोची,राजमिस्त्री,डालिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुडिया और खिलौना बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले । उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्वी सिंहभूम PMFME योजना अंतर्गत कार्य करने में राष्टीय स्तर पर अव्वल नंबर पर रहा है उसी तरह विश्वकर्मा योजना के तहत श्रेष्ठ कार्य करने का प्रयास किया जायेगा।
प्रधानमंत्री के अभिभाषण में कहा गया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी
निदेशक उद्योग श्री अरवा राजकमल ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में बताते हुए कहा कि योजना के तहत कारीगरों को मुफ्त ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके उपरांत विश्वकर्मा आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा। पहली ट्रेनिंग बेसिक ट्रेनिंग रहेगी जिसके दौरान 5 से 7 दिन का प्रशिक्षण दिया जायेगा। बेसिक ट्रेनिंग के उपरांत लाभुक 1 लाख रुपए तक का ऋण प्राप्त करने के योग्य रहेंगे। उसके उपरांत दूसरी ट्रेनिंग एडवांस्ड ट्रेनिंग रहेगी जिसके दौरान 15 दिन/120 घंटे का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस एडवांस्ड ट्रेंनिंग के उपरांत लाभुक 2 लाख रुपए तक का ऋण प्राप्त करने के योग्य होगा। योजना के तहत कारीगरों के उत्पादों को देशभर में विक्रय हेतु सहायता भी प्रदान की जाएगी।
डिविजनल कमिश्नर श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड दिया जाना कारीगरों के लिए अत्यंत हितकारी है। इस योजना के द्वारा प्रत्येक हाथ को काम मिलेगा।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री एल मुरुगन, स्वास्थ मंत्री श्री बन्ना गुप्ता और माननीय सांसद श्री विद्युत वरण महतो समेत अन्य गणमान्य थे उपस्थित