आखिर कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा को कहा अलविदा अब झामुमो में…!
जमशेदपुर:आखिर कार पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा को अलविदा कह दिया और अब आगे भविष्य में उनके झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाने की चर्चा जोरों पर है। यह चर्चा और तेजी से इसलिए हो रही है कि पिछले दिनों कुणाल सारंगी पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से मिले थे। हालांकि उस वक्त उन्होंने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को जन समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंपा था। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में उनके झामुमो में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
बता दें कि उन्होंने पिछले मई माह में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कथित रूप से पार्टी में उन्हें अलग-थलग किया जा रहा है। पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया है।कुणाल ने अपने इस्तीफे में भाजपा की अंदरुनी हालत का जिक्र किया है कि कैसे अब इस पार्टी में रहकर जनता के हित में कार्य करना मुश्किल हो चला है। उन्होंने अपना इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेजा है। जिसकी प्रतिलिपि राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा,राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को भी भेजा है।
कुणाल ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि ‘इस पत्र के माध्यम से मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ। यह निर्णय मैने गहन चिंतन और आत्ममंथन के उपरांत लिया है।
पिछले कई महीनों से मैं यह महसूस कर रहा हुँ कि कई बार पूर्वी सिंहभूम जिले की बुनियादी समस्याओं से जुड़े विषयों और संगठनात्मक विषयों को आपके और अन्य वरीय पदाधिकारियों के संज्ञान में लाने के बावजूद पार्टी जिले की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति बिलकुल उदासीन है। जब मैंने प्रदेश के प्रवक्ता के पद से त्यागपत्र दिया था तो मुझे उम्मीद थी कि मेरे द्वारा रखे गए विषयों पर पार्टी संज्ञान लेगी लेकिन दुखद है कि स्थिति आज भी जस की तस है।
जिले की कई बुनियादी सुविधाओं और विशेष तौर पर युवाओं के मुद्दों पर यहाँ से चुने हुए जन प्रतिनिधि हमेशा से मौन रहे हैं और संगठन के आंतरिक अनुशासन के प्रति भी कोई गंभीरता दिखाई नहीं देती है। इन परिस्थितियों में प्रदेश नेतृत्व के द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यजनक है और मैं ऐसी कार्यप्रणाली से सहमत नहीं हूँ और राजनीति में आने के मेरे मुख्य उद्देश्य के प्रति न्याय करने में असमर्थ हूँ।
पूर्वी सिंहभूम जिले की जनता के हित में यह आवश्यक है कि उनकी आवाज को जोरदार तरीके से बुलंद किया जाए ताकि उनके समस्याओं का उचित समाधान हो सके जो कि वर्तमान की परिस्थिति में भाजपा में रह कर मुझे संभव प्रतीत नहीं होता है।
आपसे आग्रह है कि मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें।
- Advertisement -