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राजद का एहसान चुकाने का समय आ गया: झारखंड मुक्ति मोर्चा

रांची: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में राजनीतिक सर गर्मी तेज है। सीट शेयरिंग को लेकर चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्षी गठबंधन दोनों कमर कस चुके हैं। सूत्रों से पता चला है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस दौड़ में शामिल हो गई है। चर्चाहै कि हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा में 12 सीटों की मांग रख दी है।

गौरतलाप हो कि बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में हेमंत सोरेन की JMM की सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस, आरजेडी और CPI (ML)L भी शामिल हैं। हालांकि, बिहार के विपक्षी गठबंधन में ये शामिल नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झामुमो और राजद में अनाधिकारिक तौर पर 243 सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई. हालांकि, दोनों दलों के बीच इस बारे में अभी तक आधिकारिक बैठक नहीं हुई है।

साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की झामुमो ने पांच सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था।इन पांच सीटों में पीरपैंती, कटोरिया, झाझा, चकई और मनिहारी शामिल थीं। उस समय झामुमो के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. चकई में ही सबसे अच्छा प्रदर्शन दिखा जहां पार्टी को 8.96 फीसदी वोट मिले थे।

झारखंड चुनाव में RJD को दी गई थीं 6 सीटें

अब दबाव बनाने के लिए JMM ने RJD को झारखंड विधानसभा चुनाव की याद दिलाई, जिसमें हेमंत सोरेन ने राजद को 6 सीटें और एक मंत्री पद किया था। 81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में JMM को 34 सीटें, कांग्रेस को 16 और राजद को 4 सीटें मिली थीं. इसके अलावा, CPI ML L ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था।

अब हेमंत सोरेन के एक वरिष्ठ नेता ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राजद के एहसान चुकाने का समय आ गया है।हमें पूरी उम्मीद है कि राजद महागठबंधन में झामुमो को शामिल करेगी और एक सम्मानजनक संख्या में सीटें भी देगी।

झामुमो के बिहार सचिव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि पार्टी ने आरजेडी को 12 मजबूत सीटों की लिस्ट दी है, जिसमें तारापुर, बेलहर, कटोरिया, चकई, झाझा आदि शामिल हैं।