रांची: शहरी निकाय चुनाव को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। जस्टिस आनंदा सेन की अदालत में हुई इस सुनवाई में राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार और याचिकाकर्ता की ओर से विस्तृत पक्ष रखा गया। यह अवमानना याचिका रौशनी खलखो की ओर से दाखिल की गई थी।
आयोग ने मांगा समय
सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को अवगत कराया कि नगर निकाय चुनाव संपन्न कराने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियों की आवश्यकता है। इन तैयारियों के लिए 8 सप्ताह का समय और उसके बाद पूरी चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने में अतिरिक्त 45 दिन लगेंगे। इस संबंध में आयोग 22 नवंबर को ही अपना सीलबंद शपथ पत्र अदालत में जमा कर चुका है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह उपस्थित रहे। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता और आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने अपने पक्ष रखे। महाधिवक्ता ने बताया कि चुनाव से जुड़े सभी निर्णयों की प्रतियां आयोग को सौंप दी गई हैं। वहीं आयोग का कहना था कि वह चुनाव कराने के प्रति पूरी तरह गंभीर है और तैयारी लगातार जारी है।
सभी पक्षों की बातें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 30 मार्च 2026 तय कर दी है। इसी दिन अदालत आयोग द्वारा दायर सीलबंद शपथ पत्र का विस्तृत अवलोकन करेगी।
अवमानना याचिका क्यों दायर हुई?
झारखंड में जून 2020 से कई नगर निकायों में चुनाव नहीं हुए हैं। वहीं 27 अप्रैल 2023 के बाद पूरे राज्य में कोई भी शहरी निकाय चुनाव नहीं कराया गया। हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2024 को राज्य सरकार व आयोग को तीन सप्ताह के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन समयसीमा पूरी नहीं हो सकी। इसी कारण रौशनी खलखो ने अवमानना याचिका दायर की।
पिछली सुनवाई में अदालत ने सरकार और आयोग से संभावित चुनाव तिथि बताने को कहा था। सरकार ने सूचित किया था कि ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट आयोग को सौंप दी गई है और कुछ अतिरिक्त जानकारी भी शीघ्र उपलब्ध करा दी जाएगी।
कब तक हो सकते हैं चुनाव?
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रस्तुत समय-सीमा से संकेत मिलता है कि फरवरी 2026 से मार्च 2026 के बीच झारखंड में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। अब 30 मार्च 2026 को होने वाली अगली सुनवाई के बाद चुनाव कार्यक्रम को लेकर और स्पष्टता मिलेगी।
निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट में सुनवाई, राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी के लिए मांगा 8 सप्ताह का समय










