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रांची में चलेंगी हाईटेक फ्लैश चार्ज बसें, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ऐलान

On: July 4, 2025 8:37 AM
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रांची: राजधानी रांची के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को हाईटेक और इको-फ्रेंडली बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव होने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में रांची में फ्लैश चार्ज बस शुरू करने की घोषणा की। उन्होने कहा फ्लैशचार्ज बस का पायलट प्रोजेक्ट नागपुर में शुरू किया गया है और अब रांची देश का दूसरा शहर होगा, जहां यह अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू की जाएगी।

गडकरी ने बताया कि नागपुर में इस प्रोजेक्ट का टेंडर मंगलवार को ही फाइनल हुआ है। इस बस में 135 सीटें होंगी, जो एयरलाइंस जैसी आरामदायक होंगी। इसमें सफर करना न सिर्फ आरामदायक बल्कि सस्ता भी होगा, क्योंकि इसका किराया डीजल बस की तुलना में 35 प्रतिशत कम होगा।

फ्लैशचार्ज बस से क्या बदलेगा

शहर के भीतर इलेक्ट्रिक फ्लैशचार्ज बसें चलने से डीजल वाहनों पर निर्भरता घटेगी। साथ ही ट्रैफिक में सुगमता और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति में सुधार होगा। यात्रियों को सस्ती, तेज और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।

साथ ही प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी

रांची में बनेगा 350 करोड़ का इंटरचेंज, जाम से मिलेगी राहत
रांची की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम और बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की विकास रिंग रोड के पास 350 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए प्रमुख चौराहों और मार्गों को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा, जिससे वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।

उच्च तकनीक से युक्त है इलेक्ट्रिक फ्लैशचार्ज बस

फ्लैशचार्ज बस एक उच्च तकनीक युक्त इलेक्ट्रिक बस है जिसे केवल कुछ मिनटों में चार्ज किया जा सकता है। इसे ऑपरेशनल चार्जिंग या इंस्टेंट चार्जिंग तकनीक पर विकसित किया गया है। इसका मतलब है कि जब बस स्टैंड पर थोड़ी देर के लिए रुकेगी, उसी दौरान कुछ ही मिनटों में यह पूरी तरह चार्ज हो जाएगी। इससे लंबे समय तक बसों को चार्जिंग स्टेशन पर खड़ा नहीं करना पड़ेगा। रांची में यह प्रोजेक्ट शुरू कराने की पहल रक्षा राज्य मंत्री और रांची सांसद संजय सेठ ने की थी।

क्या है इंटरचेंज

इंटरचेंज एक आधुनिक सड़क ढांचा होता है, जहां फ्लाईओवर, अंडरपास और लूप्स के जरिए ट्रैफिक को कई दिशाओं में बिना रुकावट के भेजा जा सकता है। यह प्रणाली खासतौर पर उन स्थानों के लिए होती है जहां कई सड़कों का संगम होता है व ट्रैफिक दबाव अधिक रहता है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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