दमिश्क: सीरिया में एक बार फिर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) ने अमेरिकी सेना को निशाना बनाया है। आतंकी संगठन के हमले में अमेरिकी सेना के दो जवानों और एक अमेरिकी नागरिक की मौत हो गई है। मृत अमेरिकी नागरिक सीरिया में तैनात सैनिकों के साथ बतौर दुभाषिया (इंटरप्रेटर/ट्रांसलेटर) काम कर रहा था। इस हमले में तीन अन्य अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि यह हमला सीरिया के ऐतिहासिक शहर पल्मायरा के आसपास हुआ, जहां अमेरिकी सैनिक आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत स्थानीय लोगों को जागरूक करने की गतिविधियों में जुटे हुए थे। इसी दौरान ISIS के लड़ाकों ने घात लगाकर हमला किया और सीधे अमेरिकी जवानों को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में अन्य सैनिकों ने त्वरित मोर्चा संभालते हुए हमलावर आतंकी को मौके पर ही ढेर कर दिया।
एक साल बाद अमेरिकी सेना पर पहला बड़ा हमला
गौरतलब है कि करीब एक साल पहले सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद सत्ता से हट गए थे। इसके बाद यह पहली बार है जब सीरिया में अमेरिकी सेना पर ऐसा घातक हमला हुआ है, जिसमें सैनिकों और नागरिक की जान गई है। इस घटना ने अमेरिका और सीरिया दोनों को झकझोर कर रख दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप का सख्त संदेश
ISIS के इस हमले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वे सीरिया में मारे गए दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी नागरिक की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। साथ ही घायल सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैनिक सीरिया के उस बेहद खतरनाक क्षेत्र में तैनात थे, जहां ISIS का पूरा नियंत्रण नहीं है। इसी का फायदा उठाकर आतंकियों ने हमला किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ISIS को अब पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।

सीरिया के राष्ट्रपति भी हमले से नाराज
सीरिया के वर्तमान राष्ट्रपति अहमद अल-शारा ने भी इस हमले पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे सीरिया की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मजबूत किया जाएगा।
पेंटागन और रक्षा मंत्री का आक्रामक रुख
अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी को मार गिराया गया है। उन्होंने ISIS को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दुनिया में कहीं भी अमेरिकी नागरिकों या सैनिकों को निशाना बनाया गया, तो अमेरिकी सेना वहां घुसकर आतंकियों का खात्मा करेगी।
हेगसेथ ने कहा, “हम ISIS का पीछा करेंगे। वे जहां भी छिपे होंगे, वहां से निकालकर उन्हें जमीन में दफन किया जाएगा। अमेरिका की सेना अब दुश्मनों पर काल बनकर मंडराएगी।”
मृतकों की पहचान फिलहाल गोपनीय
पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता शॉन पार्नेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए बताया कि मृतकों की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाएगी। पहले उनके पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपे जाएंगे, इसके बाद एक औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी साझा की जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमला उस समय हुआ जब अमेरिकी सैनिक आतंकवाद विरोधी मुहिम के तहत क्षेत्र में सक्रिय थे। ISIS के लड़ाकों ने सुनियोजित तरीके से घात लगाकर फायरिंग की, लेकिन अमेरिकी जवानों की सतर्कता से बड़ा नुकसान होने से बच गया।
फिर उठे ISIS के खतरे पर सवाल
इस हमले के बाद एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि भले ही ISIS कमजोर पड़ा हो, लेकिन वह अब भी सीरिया के कुछ हिस्सों में जानलेवा हमले करने की क्षमता रखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा और कड़ी की जा सकती है।












