गढ़वा: संत शिरोमणि गुरू रविदास की 648वीं जयंती जिले भर में काफी धूमधाम से मनाई गई। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने गुरू रविदास की जयंती मनाई। इस दौरान जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत संगबरिया गांव में रविदास समाज कल्याण संघ के तत्वावधान में आयोजित आयोजित संत शिरोमणि गुरू रविदास की जयंती समारोह सहित विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित जयंती समारोह में उन्होंने भाग लिया। श्री ठाकुर ने गुरू रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

मौके पर श्री ठाकुर ने कहा कि संत रविदास भारत के महान संतों में से एक हैं। संत रविदास ने अपने वचनों व दोहों से भक्ति की अलग छाप दुनिया में छोड़ी। आज भी लोग उन्हें अपनी जेहन में बसाए हुए हैं। हम सभी उनके बताये मार्गां पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि संत रविदास ने समाज से उंच-नीच का भेदभाव समाप्त करने एवं समता मूलक समाज की स्थापना करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। पूर्व मंत्री ने कहा कि संत रविदास ने रविदासिया पंथ की स्थापना की थी। इन्हें संत शिरोमणि की उपाधि दी गई थी। वे गुरु भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत थे। उनके भक्ति गीतों व छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थाई प्रभाव डाला था। महान संत गुरु रविदास को और उनके योगदान को आज भी दुनिया याद करती है और उनके सम्मान में हर साल रविदास जयंती का पर्व मनाया जाता है। गुरु रविदास जी का शिक्षा के अलावा समाज सुधार में भी विशेष योगदान देखने को मिलता है। उन्होंने समाजिक समानता के लिए अपनी आवाज उठाई और इस विषय के बारे में लोगों को जागरूक किया था। श्री ठाकुर ने कहा कि गुरू रविदास के कहे हुए कई वचन – कोई भी व्यक्ति जन्म से छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन अपने कर्मों से छोटा-बड़ा होता है। भगवान उस व्यक्ति के हृदय में वास करते हैं, जहां किसी तरह का बैर भाव नहीं होता है आदि एवं उनके दोहे आज भी जीवंत हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी उनके वचन मानव सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है को अपना लें तो गुरू रविदास की जयंती मनाना सार्थक होगा।
