तेल अवीव: इजरायल ने बुधवार रात एक अंतरराष्ट्रीय मानवीय राहत अभियान को रोकते हुए हमास से जुड़े पाकिस्तान के पूर्व सांसद मुश्ताक अहमद खान और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित 150 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। यह अभियान गाजा में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के उद्देश्य से 47 जहाजों के बेड़े के हिस्से के रूप में चलाया जा रहा था।
राहत कार्यकर्ताओं के अनुसार, 13 जहाजों में राहत सामग्री लदी हुई थी और इनका लक्ष्य इजरायल की नाकाबंदी को तोड़कर गाजा में फंसे लोगों तक मदद पहुंचाना था। इस कार्रवाई के दौरान इजरायली फोर्स ने कुछ जहाजों को कब्जे में ले लिया, जबकि कई जहाजों से संपर्क टूट गया।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि सभी जहाज सुरक्षित हैं और यात्रियों को इजरायली बंदरगाह पर ले जाया जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथियों की सेहत और सुरक्षा सुरक्षित है।
फ्लोटिला के प्रवक्ता सैफ अबुकेशेक ने बताया कि अब तक 13 जहाज रोके जा चुके हैं, लेकिन करीब 30 जहाज अभी भी समुद्र में हैं और गाजा पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह अभियान पूरी तरह से मानवीय उद्देश्यों के लिए है और इसका मकसद इजरायल के साथ किसी तरह का संघर्ष या खतरा पैदा करना नहीं था।
पाकिस्तान और अन्य देशों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि 40 जहाजों वाले इस बेड़े पर हमला पूरी तरह अनुचित और मानवता के खिलाफ है। उन्होंने पकड़े गए लोगों की तत्काल रिहाई और उनकी सुरक्षा की मांग की।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इसे इजरायल की गाजा नाकाबंदी और आक्रामकता का हिस्सा बताया।
तुर्की ने इस कार्रवाई को आतंकवाद समान बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन करार दिया। दक्षिण अफ्रीका ने संयम बरतने और बेड़े में शामिल निहत्थे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
ग्रीस और इटली ने भी इजरायल से कहा कि फ्लोटिला में मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि यात्रा रोकने का आग्रह इसलिए किया गया क्योंकि इस तरह की घटनाएं गाजा शांति वार्ता को नुकसान पहुँचा सकती हैं। स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज़ ने भी कहा कि राहत कार्यकर्ता इजरायल के लिए किसी खतरे का कारण नहीं हैं और उम्मीद जताई कि उन्हें सुरक्षित वापस भेजा जाएगा।
ग्रेटा थनबर्ग की पिछली कोशिश
यह ग्रेटा थनबर्ग की गाजा में राहत पहुँचाने की दूसरी कोशिश है। इससे पहले जून में उन्होंने मेडलीन जहाज पर 11 लोगों के साथ गाजा जाने की कोशिश की थी। तब इजरायल ने उनके जहाज को रोककर सभी 12 लोगों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें विमान से वापस भेज दिया।
इस बार भी फ्लोटिला के यात्रा करने वालों ने अपने अभियान को पूरी तरह शांतिपूर्ण और मानवीय बताया। बावजूद इसके, इजरायल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कई जहाजों को कब्जे में ले लिया और यात्रा रोक दी।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है, और कई देशों ने इजरायल से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि राहत कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और किसी तरह का नुकसान न हो।
गाजा जा रही नावों को इजरायल ने रोका, हमास से जुड़े पूर्व पाक सांसद को पकड़ा; पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी हिरासत में

