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रांची: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद वरीय आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को बड़ी राहत मिली है। एसीबी की विशेष अदालत ने उन्हें BNSS की धारा 187(2) के तहत जमानत दे दी है। अदालत ने यह फैसला एसीबी की ओर से तय समय सीमा के भीतर चार्जशीट दाखिल न किए जाने के आधार पर सुनाया।


विनय चौबे के अधिवक्ता देवेश अजमानी ने बताया कि गिरफ्तारी के 92 दिन बीत जाने के बावजूद एसीबी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई थी। इसी को आधार बनाते हुए उन्होंने कोर्ट में डिफॉल्ट बेल पिटीशन दाखिल किया था। कोर्ट ने दलीलों को स्वीकार करते हुए जमानत प्रदान की।

अदालत ने जमानत देते समय कुछ सख्त शर्तें भी लगाई हैं– विनय चौबे बिना अनुमति राज्य से बाहर नहीं जा सकेंगे। मुकदमे की अवधि तक वे अपना मोबाइल नंबर नहीं बदलेंगे। उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने होंगे। अगर राज्य से बाहर जाना होगा तो पहले अदालत से अनुमति लेनी होगी।

गौरतलब है कि 20 मई 2025 को एसीबी ने शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में विनय चौबे को पूछताछ के लिए बुलाया था। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। शराब घोटाले में आरोपियों पर भादवि की धारा 467 (जालसाजी), 409 (आपराधिक विश्वासघात) सहित कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। विनय चौबे की जमानत से यह मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। अब आगे की सुनवाई में एसीबी की ओर से चार्जशीट दाखिल करने और अदालत के रुख पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।