सिल्ली: सिल्ली ड्रामेटिक क्लब परिसर से सोमवार को खुशी मिशन का शुभारंभ किया गया। सिल्ली राजघराने के वंशज राजा पुष्पेंद्र नाथ सिंह देव ने खुशी रथ को झंडा दिखाकर रवाना किया लाइफ केयर हॉस्पिटल रांची और खुशी क्लास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में राजा साहब ने कहा कि खुशी क्लास अब हर घर की जरूरत हो गई है। समाज में जिस कदर तनाव, डिप्रेशन, आत्महत्या बढ़ रही है, ऐसे में इसका इलाज खुशी क्लास ही है। कोई दवा नहीं, कोई विकल्प नहीं, बस सकारात्मकता के साथ कभी भी खुशी का साथ नहीं छोड़ें। रथ रवानगी के बाद सिल्ली स्थित बिरसा मुंडा आर्चरी एकाडमी परिसर में तीरंदाजों के बीच खुशी क्लास का आयोजन हुआ। संचालन आर्चरी कोच प्रकाश राम ने किया।

मौके पर खुशी क्लास के संस्थापक सह संचालक मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि जिंदगी जिंदादिली से जीने के लिए है। यूं ही गंवाने या गुजारने के लिए नहीं। यह तभी संभव है, जब आप अंदर से खुश रहेंगे। यह खुशी सकारत्मकता के गर्भ से जन्मती है। उन्होंने सकारात्मकता की शक्ति को दर्शाती कहानी सुनाई
एक राजा की एक आंख और एक पैर नहीं थें। एक दिन राजा महल के गलियारे में लगे अपने पूर्वजों की पेंटिंग देख रहे थें। बलशाली, हष्ट-पुष्ट पूर्वजों को देखकर सोचने लगे कि मेरी भी पेंटिंग कभी न कभी लगेगी। इतने अच्छे पेंटिंग के बीच मैं दिव्यांग काफी खराब दिखूंगा। कुछ सोचकर उन्होंने मुनादी करवा दी, जो भी उनकी सुंदर पेंटिंग बनाएगा, उसे इनाम मिलेगा। सभी पेंटर सोचने लगे कि दिव्यांग का पेंटिंग कैसे अच्छा बनेगा। डर से कोई भी पेंटर सामने नहीं आया। एक नवयुवक राजा की तस्वीर बनाने की घोषणा की। राजदरबार में भीड़ लग गई, यह देखने को, कि कैसी तस्वीर बनाएगा युवक की तस्वीर में राजा घोड़ा पर सवार थें। उनका एक पैर दूसरी तरफ छिप गया। घोड़े पर से राजा धनुष से निशाना लगा रहे थें, इसलिए उनका एक आंख बंद था। दोनों खामियों को छिपा कर बनी यह तस्वीर सभी का दिल जीत लिया।
लब्बोलुआब यह, झंझावत-मुश्किलों को सकारात्मक नजरिए से देखें, मुकाबला करें ; सुखद परिणाम आने से कोई रोक नहीं सकता। अंत में लाइफ केयर हॉस्पिटल के खुशी दूत संदीप शाह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान के बारे में भी बताया। मौके पर आर्चरी कोच रोहित कुमार, शिशिर महतो, भरत देव साई, जय गोस्वामी, जयदेव कोइरी,हराधन रजक, रुद्राक्ष सिंह देव आदि मौजूद थें।