---Advertisement---

झारखंड के इस जगह पर सुप्रीम कोर्ट ने दी प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा

On: September 24, 2025 5:47 PM
---Advertisement---

रांची/दिल्ली : हाल ही में झारखंड में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जल्दी से जल्दी सरांडा जंगल को अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करे। सरंडा जंगल झारखण्ड के भूमि-क्षेत्र में प्राचीन और विशाल जंगलों में से एक है, जिसमें जैव-विविधता बहुत अधिक है, विशेषकर आदिवासी एवं वन-आश्रित समुदायों के लिए जीवन-निर्भरता का स्रोत है। यदि इस अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई तिथि 8 अक्टूबर 2025 तक नहीं जारी किया गया, तो राज्य के मुख्य सचिव को कानूनी समस्या झेलनी पड़ेगी, संभवतः जेल की सजा भी हो सकती है।
सरांडा जंगल झारखंड का एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्र है, जहां विविध वन्यजीव और आदिवासी जन समूह रहते हैं। इस क्षेत्र के संरक्षण से न सिर्फ इकोलॉजील संतुलन बनेगा, बल्कि उन लोगों की जीवन स्थितियाँ और आजीविका पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो जंगल से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं।
यह कदम पर्यावरण सुरक्षा, वन्य जीवन संरक्षण और वन भूमि के न्यायसंगत उपयोग की दिशा में एक मील का पत्थर है। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अधिसूचना न होने की स्थिति में सरकार की कार्यवाही में गंभीर अवज्ञा मानी जाएगी।
इस मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तरों पर बहस छेड़ दी है। अलग-अलग संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इसका समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ आदिवासी समुदायों के अधिकारों के विषय को भी उजागर करता है।
पर सरकार को अब बुलंद स्वरों में यह विश्वास दिलाना होगा कि नीति-निर्धारण और कानून दोनों पक्षों से इस मामले पर गंभीरता से काम हो रहा है। यह देखने वाली बात होगी कि 8 अक्टूबर से पहले क्या राज्य सरकार इस अधिसूचना को लागू कर पाती है या नहीं। यदि ऐसा हुआ, तो यह झारखंड के वन्यजीवों और पर्यावरण के लिए  हितैषी कदम के रूप में याद किया जाएगा।

Nikita

मेरा नाम निकिता सिंह है। मैं झारखंड वार्ता में अभी इंटर्नशिप कर रही हूँ।

Join WhatsApp

Join Now