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प्रयागराज: महाकुंभ में हड़कंप मचने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है जबकि 90 श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं। कई लापता हैं। अब सवाल उठने लगे हैं कि हादसा साजिश षड्यंत्र है या वैसे ही भीड़ के कारण हादसा हो गया। मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी बन चुकी है। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान यूपी सरकार ने कर दिया है। इधर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें हादसे पर यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है।

वहीं दूसरी ओर महाकुंभ भगदड़ को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विफलता बताते हुए इस्तीफा की मांग की जा रही है। पश्चिम बंगाल ममता सरकार अपने ब्यूरोक्रेट को महाकुंभ हादसे का मुआयना करने के लिए भेज रही है।

कई साधु संतों ने भी इस साजिश की आशंका व्यक्त कर दिया है। जांच की मांग भी की है।हादसे की तह पहुंचने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ भी पूरे एक्शन मोड में है। पूरे महाकुंभ को नो व्हीकल जीवन घोषित कर दिया गया है। वन वे कर दिया गया है। वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं।