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Indus Waters Treaty: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने के फैसले से पाकिस्तान की हालत खराब हो गई है। ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ आतंकियों का पक्षधर बना पाकिस्तान, भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद अब पानी की भीख मांगने पर उतर आया है। दरअसल 14 मई 2025 को पाकिस्तान सरकार ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखकर गुहार लगाई है कि भारत अपने फैसले पर दोबारा विचार करे और सिंधु जल समझौते को बहाल करे। पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सय्यद अली मुर्तजा ने भारत को लिखी चिठ्ठी में कहा- सिंधु जल समझौता स्थगित होने से पाकिस्तान में खरीफ की फसल बर्बाद होने की कगार पर है और देश गंभीर जल संकट से जूझ रहा है।
वहीं भारत की तरफ से अभी तक इस विषय पर कोई बयान जारी नहीं हुआ है।

बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने कहा था कि भारत अब तीन नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। इस पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया है।

सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर 1960 को विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित एक जल बंटवारा समझौता है। यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों—सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज के जल के उपयोग को नियंत्रित करता है।

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