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पलामू: झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मौत, हंगामे के बाद सड़क जाम

On: August 31, 2025 6:24 PM
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झारखंड वार्ता

पलामू (पांकी)। पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र में संचालित एक फर्जी अस्पताल और झोला छाप डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया, जिससे पांकी–बालूमाथ मुख्य मार्ग घंटों ठप रहा। हंगामे के बीच फर्जी डॉक्टर अस्पताल का शटर गिराकर फरार हो गया।

इलाज के नाम पर महिला की जान गई

जानकारी के अनुसार, पांकी निवासी जितेंद्र कुमार भुईयां की पत्नी पूनम देवी को शनिवार की रात पेट में तेज दर्द हुआ। इसके बाद परिजन उन्हें थाना रोड स्थित सोमी सेवा सदन में भर्ती कराए, जहाँ फर्जी डॉक्टर एचएन झा ने ऑपरेशन किया। उसने ट्यूमर निकालने का दावा किया, लेकिन ऑपरेशन के कुछ ही देर बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी।

परिजनों के अनुसार, महिला का पेट फूल गया और मुंह–नाक से झाग निकलने लगा। गंभीर हालत देखकर डॉक्टर ने आनन-फानन में एक वाहन मंगाया और शव को मेदिनीनगर स्थित एक निजी अस्पताल भेज दिया। वहाँ पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की मौत एक घंटे पहले ही हो चुकी है।

गाड़ी चालक शव को छोड़कर भाग निकला। जब परिजन शव को लेकर वापस पांकी अस्पताल पहुंचे, तो पाया कि डॉक्टर एचएन झा अस्पताल बंद कर फरार हो चुका था।

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, सड़क जाम

घटना की खबर फैलते ही आक्रोशित ग्रामीण बड़ी संख्या में जुट गए और पांकी–बालूमाथ मुख्य पथ को शव रखकर जाम कर दिया। कई घंटों तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। ग्रामीणों ने मांग की कि फर्जी अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

विधायक और सिविल सर्जन मौके पर

सूचना पर पांकी विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता और सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। विधायक मेहता ने कहा, “पांकी इलाके में फर्जी अस्पतालों के कारण आए दिन लोगों की जान जा रही है। प्रशासन को ऐसे अस्पतालों को तुरंत सील करना चाहिए और डॉक्टर समेत पूरे स्टाफ पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।”

सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि जिले में रजिस्टर्ड अस्पतालों की सूची जारी कर दी गई है। इसके बाहर जो भी अस्पताल संचालित हो रहे हैं, उन्हें सील किया जाएगा। कार्रवाई के भरोसे के बाद जाम हटाया गया।

जांच में और भी खुली पोल

सिविल सर्जन की अगुवाई में इलाके के अन्य नर्सिंग होम की जांच भी की गई। जांच में सामने आया कि कुछ महीने पहले सील किया गया किरण सिंह क्लिनिक का सील टूटा हुआ था और वहाँ गुपचुप तरीके से इलाज की गतिविधियाँ चल रही थीं। अन्य निजी क्लीनिकों में भी गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं।

लोगों का दर्द – कार्रवाई के बाद भी हालात जस के तस

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। जब भी किसी मरीज की मौत या बड़ा हादसा होता है, प्रशासनिक जांच की औपचारिकता पूरी की जाती है। कुछ दिनों तक कार्रवाई होती है, लेकिन उसके बाद हालात फिर से वैसे ही हो जाते हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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