जमशेदपुर : परसुडीह थाना अंतर्गत प्रमथनगर में नवविवाहिता नेहा की सनसनीखेज मौत के मामले में ससुराल पक्ष पूरे संदेह के घेरे में है। 3 माह पहले ब्याही के मायके वाले बेटी की शादी कर उसके खुशहाली की सपने संजोए थे लेकिन उसकी मौत में पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में कांग्रेसियों ने परिजनों के मुताबिक आरोपी पति मनमोहन प्रसाद ठाकुर को बचाने की भरपूर कोशिश की है लेकिन भाजपाई भी तनकर खड़े हो गए और मामला सांसद प्रतिनिधि तक पहुंच गया सांसद प्रतिनिधि तक मामला पहुंचने के बाद खून की घंटियां घनघनाने लगी और कथित रूप से कांग्रेसियों के दबाव में थाने से ही आरोपी को छोड़ने का प्रयास विफल हो गया। उसे जेल भेजना पड़ा। हालांकि मामले की शिकायत एसएसपी तक की जा चुकी है। परिजन एसएसपी से मिलकर शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिसिया कार्रवाई को पूरे संदेह के घेरे में लाकर रख दिया है।
मायके पक्ष के मुताबिक 22 अगस्त की देर रात ही थाने से छोड़ देने की योजना थी।जब परसुडीह थाने पर 22 अगस्त की देर रात करीब 150 की संख्या में कांग्रेसी पहुंचे हुए थे तब किसी तरह से मायका पक्ष के लोगों को सांसद प्रतिनिधि का नंबर मिला था।इसके बाद उनकी ओर से फोन किया गया तब टीचर के जेल भेजना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहा की हत्या कर फंदे पर लटकाने के मामले में मायका पक्ष के लोग एसएसपी प्रभात कुमार से भी मिल चुके हैं, लेकिन बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।बताया जा रहा है कि बाकी आरोपी घर पर ही रह रहे हैं।
मायका पक्ष के लोगों का आरोप है कि पुलिस टीचर की मदद कर रही है। नेहा के शरीर पर जख्म का निशान जगह-जगह पर देखा गया था. शादी के बाद मायका पक्ष के लोग एसी, फ्रीज तो दे चुके थे, लेकिन अब वे डिजायर कार की मांग कर रहे थे।