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प०बंगाल: 26000 शिक्षकों की भर्ती को SC ने बताया अवैध,सीएम ममता बोली फैसला स्वीकार नहीं,नौकरी खो चुके लोगों से मिलूंगी

On: April 3, 2025 3:35 PM
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पश्चिम बंगाल : 26 हजार शिक्षकों और अन्य कर्मियों भर्ती को सुप्रीम कोर्ट के अवैध घोषित करते ही पश्चिम बंगाल की सियासत में उबाल आ गया है। सीएम ममता बनर्जी ने यहां तक कह डाला कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है और वह न्यायपालिका का बेहद सम्मान करती है लेकिन फैसला स्वीकार नहीं कर सकती। वह नौकरी खो चुके लोगों से मिलेंगी। इधर दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने उनसे इस्तीफा की मांग कर डाली है। जबकि वामपंथियों ने खाली पदों को तुरंत भरने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह नौकरी खो चुके लोगों से मिलेंगी और उनसे उम्मीद न खोने के लिए कहेंगी. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य की ममता सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षक भर्ती में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया.’’

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

उन्होंने मांग की कि बनर्जी को इस भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इस पर ममता बनर्जी ने पूछा कि क्या बीजेपी चाहती है कि बंगाल की शिक्षा प्रणाली ध्वस्त हो जाए? उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के तो पूर्व शिक्षा मंत्री जेल में हैं, बीजेपी बताए कि मध्य प्रदेश व्यापम मामले में बीजेपी के कितने नेता गिरफ्तार हुए?

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की ओर से आयोजित 2016 की भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण सैकड़ों शिक्षक महीनों से कोलकाता के मध्य में धरना दे रहे थे. वे अनुरोध कर रहे थे कि न्यायपालिका की ओर से निर्णय देते समय उनके मामलों के गुण-दोष पर विचार किया जाए और उसे मान्य किया जाए.

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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