खूंटी: शिक्षक पात्रता परीक्षा में मुंडारी भाषा की उपेक्षा का विरोध, आंदोलन की चेतावनी
खूंटी: झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग स्थानीय भाषा को रखा गया है. इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. पलामू के बाद अब खूंटी जिले में भी इसका विरोध शुरू हो गया है. पलामू में जहां नागपुरी और कुडुख भाषा को शामिल किया गया है. वहां के लोग भोजपुरी और मगही की मांग कर रहे हैं. वहीं खूंटी में मुंडारी भाषा को स्थानीय भाषा के तौर पर शामिल नहीं किया गया है. इसके खिलाफ लोगों ने विरोध छेड़ दिया है.
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