नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी: टीसीएस समेत अन्य कंपनियों ने 12 छात्रों को 3.50 लाख के पैकेज पर किया लॉक
छात्रों की प्रतिभा निखारने में विश्वविद्यालय और संकाय सदस्यों का योगदान सराहनीय : कुलसचिव
जमशेदपुर : नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय की प्लेटमेंट इकाई की ओर से विश्वविद्यालय के कंप्यूटर एपलीकेशन विभाग में कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया. इसमें आईटी क्षेत्र की बहुप्रतिष्ठित कंपनी टीसीएस, डेलॉयट, रिग्रो टेक इंडिया, पिक इंफोकॉम शामिल हुईं. इन कंपनियों ने छात्र-छात्राओं का एसोसिएट सॉफ्टवेयर टेस्ट इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, एसोसिएट एनालिस्ट के पद पर चयन किया है. कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में बीसीए व एमसीए अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इनमें से 12 छात्र-छात्राओं ने रोजगार प्राप्त करने में सफलता हासिल की. चयनित सभी विद्यार्थियों को प्रशिक्षण अवधि के दौरान औसतन 3.5 लाख का वार्षिक वेतनमान प्राप्त होगा. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इनकी दक्षता एवं कार्य दायित्व के अनुसार वेतन वृद्धि की जाएगी.
विश्वविद्यालय के प्लेटमेंट सह मानव संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम पूर्ण होने के साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त हों, इस उद्देश्य से निरंतर कैंपस ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश-विदेश की प्रतिष्ठित कंपनियों में विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं.
छात्र-छात्राओं की इस सफलता पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव नागेंद्र सिंह ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि अपने विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने में विश्वविद्यालय प्रशासन और संकाय सदस्यों का योगदान सराहनीय है. उन्होंने आशा जतायी कि अपना पाठ्यक्रम पूर्ण करने के साथ ही विश्वविद्यालय अपने अधिक से अधिक विद्यार्थियों को उनके रोजगार प्राप्त करने में उनका मार्गदर्शन कर पायेगा. विद्यार्थियों के प्रदर्शन को लेकर आईटी विभाग के अधिष्ठाता प्रो (डॉ) रंजन कुमार मिश्रा ने भी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. विश्वविद्यालय का प्रयास है कि विद्यार्थियों को व्यवहारिक शिक्षा के साथ ही उनके कौशल सवंर्धन में भी सहायक सिद्ध हो. विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा के पश्चात विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने में अधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. इसके लिए विद्यार्थियों को भी अपने स्तर से कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है.
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