नेशनल हेराल्ड का जिन्न फिर बाहर, गांधी परिवार की मुश्किल बढ़ी,साधी चुप्पी,कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा के सवाल
एजेंसी: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग का मामला फिर से एक बार उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब इस मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी राहुल गांधी सुमन दुबे और सैम पित्रोदा के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इधर इसी मामले में प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को फिर से एक बार प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए तलब किया है। इधर चार्ज शीट के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे देश भर में ईडी के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ रुपए दिए गए। कांग्रेस को लूट का अधिकार नहीं। धरना दे सकते हैं लेकिन लूट नहीं कर सकते हैं जमीन लूटने का अधिकार कांग्रेस को नहीं। यंग इंडिया में राहुल और सोनिया का शेयर था। नेशनल हेराल्ड खानदान का जागीर नहीं।सोनिया गांधी और राहुल गांधी बेल पर है कांग्रेस के आचरण में ही भ्रष्टाचार। यंग इंडिया के 76% शेयर राहुल और सोनिया के पास है। नेशनल हेराल्ड की संपत्ति लूटने की साजिश हुई। पूरा गांधी परिवार भ्रष्टाचार में लिफ्ट है। राहुल सोनिया गांधी जवाब नहीं दे पाए।
बता दें कि आरोप है कि 90 करोड़ की संपत्ति 50 लाख में ली गई है। एआईसीसी ने एजेएल को 90 करोड़ का लोन दिया था फिर एजेएल ने 50 लाख में लोन ट्रांसफर एजेएल ने यंग इंडिया को अपनी संपत्ति बेच दी थी। कांग्रेस ने एजेएल का कर्ज माफ कर दिया।
बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई की तिथि तय की है।
इधर कांग्रेस ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड के विषय में जो प्रक्रियाएं हो रही हैं, वो नई नहीं हैं, क्योंकि जब ये केस शुरू हुआ था, तभी हमने कहा था कि ये बड़ा विचित्र मामला है।
यह केस बिना एक रुपए, बिना एक रुपए की प्रॉपर्टी के स्थानांतरण के शुरू हुआ है। नेशनल हेराल्ड की पुरानी प्रॉपर्टी को मैनेज करने के लिए एक नॉट फॉर प्रॉफिट- सेक्शन 8 की कंपनी बनाई गई, जिसमें श्रीमती सोनिया गांधी जी और अन्य लोग जुड़े हुए थे। इसमें ना डिविडेंड दिया जा सकता है और ना ही कमर्शियल ट्रांजैक्शन हो सकता है।
इस कड़ी में एक मनगढ़ंत और झूठा केस रचा गया है। उसी श्रृंखला में चार्जशीट दाखिल करने की भी प्रक्रिया हुई है। शुरुआत से इस मामले का कानूनी रूप से सामना किया जा रहा है।
यह एक फेक मामला है, जिसमें कोई भी तथ्य नहीं है। अंततोगत्वा इस मामले में कोर्ट अपनी स्पष्टता रखेगा। इस केस को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से चलाया जा रहा है, जो दिख रहा है।
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