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झारखंड शराब घोटाले में एसीबी का बड़ा एक्शन, सीनियर IAS विनय कुमार चौबे गिरफ्तार

On: May 20, 2025 1:17 PM
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रांची: झारखंड कथित शराब घोटाले के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ा एक्शन लेते हुए काफी लंबी पूछताछ के बाद प्रदेश के सीनियर आईएएस अफसर विनय कुमार चौबे को अरेस्ट कर लिया है।इसके बाद उन्हें सिविल कोर्ट में एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। एसीबी ने राज्य में पिछले डेढ़ दशक में पहली बार किसी आईएएस के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की है।

विनय कुमार चौबे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। इससे पहले वे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उनके घर पर एसीबी की टीम ने मंगलवार सुबह दबिश दी थी और इसके बाद करीब 11 बजे उन्हें पूछताछ के लिए साथ लेकर अपने कार्यालय पहुंची थी।

एसीबी ने उनसे झारखंड में 2022 में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी की कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की। उस वक्त चौबे झारखंड में एक्साइज सेक्रेटरी के पद पर पदस्थापित थे।

झारखंड के शराब घोटाले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आ चुकी है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की।

ईडी को इस दौरान यह जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया। इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।

पूछताछ के दौरान चौबे ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी।

बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया।

आरोप है कि झारखंड की उत्पाद नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए, जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा मिला। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के सहयोग से सिंडिकेट ने मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ।

छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। इसके बाद अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।

छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर जांच शुरू की।

प्रारंभिक जांच में गड़बड़ियों के सबूत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई और इसके बाद आईएएस विनय चौबे से पूछताछ की गई। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे चेकअप के लिए मेडिकल टीम को बुलाया गया। मेडिकल जांच के बाद चौबे को गिरफ्तार कर लिया गया।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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