बोकारो: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में चास अंचल अंतर्गत तेतुलिया मौजा स्थित वन विभाग की 133.64 एकड़ से ज्यादा वन भूमि की खरी-फरोख्त में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल की बात सामने आई है। जांच में सामने आया कि इस दावे के लिए जिन दस्तावेजों का सहारा लिया गया, वे फर्जी हैं। अब तक इस जमीन में से 74 एकड़ से ज्यादा बिक चुकी है। जांच के दौरान बोकारो वन प्रमंडल पदाधिकारी की रिपोर्ट की भी जांच की गयी। जांच में ईडी ने बोकारो डीएफओ की रिपोर्ट को सही पाया है।
जांच में ईडी को यह जानकारी मिली कि तेतुलिया मौजा की जमीन के लिए बनाये गये जमाबंदी वॉल्यूम में पेज संख्या 60 से 75 तक फटा हुआ था। लेकिन इस मामले में जवाबदेह पदाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं उक्त मौजा की जमीन को लेकर दावा की जा रही लगान रसीद भी मिलान में सही नहीं पायी गयाी। जमीन की बिक्री के लिए वन संरक्षक के नाम का फर्जी एनओसी का उपयोग किया गया। जांच में ईडी ने इसे सही पाया है। शैलेश सिंह नामक व्यक्ति ने अलग-अलग तिथियों में 147.32 डिसमिल जमीन 14 लोगों को बेची। तेतुलिया मौजा के थाना नंबर 38 में अधिसूचित संरक्षित वन भूखंड संख्या 426 व 450 में 85.75 एकड़ जमीन को वन अधिनियम 1980 के प्रावधानों का उल्लंघन कर जंगल झाड़ी से पुरानी परती में बदल दिया गया था। बंदोबस्त कार्यालय धनबाद से पत्राचार करने पर उनके द्वारा अनियमितता के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी व कर्मचारियों के संबंध में कोई सूचना डीएफओ को नहीं दी गयी थी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने जांच के दौरान बोकारो के अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी, बोकारो की डीटीओ वंदना सेजवलकर जो पूर्व में चास की सीओ रही थी, धनबाद के डीटीओ जो पूर्व में चास के सीओ रहे थे, धनबाद जिला बंदोबस्त पदाधिकारी निर्मल सोरेन के अलावा कई लोगों के ठिकानों पर दबिश दी थी।
इजहार हुसैन व अख्तर हुसैन ने अपने पूर्वजों द्वारा ब्रिटिश राज के दौरान नीलामी में तेतुलिया मौजा की जमीन खरीदे जाने का दावा किया था। दाव वाली जमीन में से 74 एकड़ से अधिक जमीन बिक चुकी है। इजहार हुसैन ने बोकारो जिला के चास अंचल की जमीन पर अपना दावा पेश करने के लिए दो दस्तावेज का सहारा लिया था। चास के तत्कालीन सीओ निर्मल टोप्पो ने उक्त जमीन इजहार व अख्तर हुसैन के नाम पर म्यूटेशन कर दिया। इस गड़बड़ी की विभाग की त्रिस्तरीय जांच कमेटी की जांच में पुष्टि होने के बाद निर्मल टोप्पो को बखॉस्त कर दिया गया था। इस मामले की वर्तमान में सीआईडी भी जांच कर रही है।