पत्नी को मानिए परंतु जिसके कारण पत्नी से संबंध बना है। उस माता पिता को त्यागीए मत
शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):— जो व्यक्ति किसी स्त्री, बहन, शिष्या को वंचना करके, दिग्भ्रमित करके, गलत व्यवहार करता है। वह व्यक्ति मरकर अंध तामिस नामक नरक में जाता है। उसके शरीर को वृक्ष से पटककर यातना दी जाती है। जो व्यक्ति अंहकार या ममतावश प्राणियों से, कुटुम्बियों से अकारण द्रोह करता है। सताता है, हनन करता है उसे मरकर रौरव नरक मिलता है। जो व्यक्ति अपने पेट भरने के लिए जीव जंतुओं की हत्या करता है उसे मरकर कुंभीपाक नर्क मिलता है।
पत्नी से संबध जोड़ने वाले माता-पिता को त्यागीए मत।
जिस माता ने नौ महीने दर्द सहकर, पालन पोषण करके जन्म दिया। जन्म देने के बाद खुद गीले वस्त्रों को पहन कर अपने पुत्र को सुखे वस्त्र में सुलाया। वह पुत्र बडा होकर सबसे पहले माता पिता को हों अलग करता है। पत्नी को मानिए परंतु जिसके कारण पत्नी से संबंध बना है। उस माता पिता को त्यागीए मत। अपमान मत करीए। ऐसे नास्तिक, माता-पिता संत, महात्मा, विद्वान, से जो द्रोह करता है वह मरकर कास सूत्र नरक में जाता है।
