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भक्ति योग से बढ़कर मानव जीवन के कल्याण का दुसरा श्रेष्ठ साधन कुछ नही – जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– शुकदेवजी महाराज ने परिक्षित को बताया कि संसार में भगवान की प्राप्ति के लिए, व्यक्ति के कल्याण के लिए, उद्धार के लिए अलग अलग…

माता-पिता अपने बच्चों को स्नेह के साथ संस्कार भी दें :- जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):— समस्त संसाधनों के बावजूद निर्लिप्त रहना ही वैराग्य लोक धर्म के बाद परलोक धर्म में लगें अभाव और प्रतिक्रिया से लिया गया वैराग्य स्थाई…

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु दर्शन का विशेष महत्व होता है:-श्री जीयर स्वामी जी महाराज

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्री जियर स्वामी जी महाराज के दर्शन करने हेतु बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश आदि जगहों से काफी संख्या में…

गुरू पूर्णिमा महामहोत्सव का भव्य और दिव्य आयोजन, जीयर स्वामी जी महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी जनसैलाब

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा): श्रीराधा बंशीधर जी की पुण्यभूमि श्री बंशीधर नगर स्थित पाल्हे जतपुरा में भारतवर्ष के महान मनीषी ब्रम्हलीन संत पूज्य श्री श्री 1008 श्रीत्रिदंडी स्वामी…

श्री बंशीधर नगर: कथा सुनने का मतलब है की अपने अंदर जो बुराइयां है उसे छोड़ दे :- जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– भागवत पुराण सिर्फ ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन शैली को आधार देने वाला शास्त्र है। यह जीवन जीने की शैली है। यह उलझे-भटके जीवन को…

मनुष्य को अश्लील दृश्य नहीं देखना चाहिए, इससे मस्तिष्क में कुविचार उत्पन्न होते हैं : जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– श्री बंशीधर नगर प्रखंड के पाल्हे – जतपुरा में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के पिछले अठारवे दिनों से चल रहें श्री श्री 1008…

माता-पिता की सेवा से होते हैं सभी मनोरथ पूर्ण :- जीयर स्वामी।

माता-पिता की उपेक्षा से ईश्वर होते हैं नाराज, सोते-जगते करें परमात्मा का स्मरण। शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– माता-पिता की सेवा मानव का धर्म है। अपनी सेवा से माता-पिता…

मानव द्वारा किए गए अपराध और अपचार का दंड उसे निश्चित रूप में भोगना पड़ता: जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) :– गर्भ के बालक की हत्या नहीं करनी चाहिए। भ्रूण हत्या से वंश वध सहित पाँच तरह के दोष लगते हैं। इस तरह के…

चंदन की लकड़ी से शरीर जलाने पर केवल शरीर का उद्धार होता है,आत्मा का नहीं : जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):— मानव जीवन में मनोरथ का अंत नहीं होता बल्कि एक पूरा हुआ नहीं, कि दूसरा मनोरथ खड़ा हो जाता है। बालपन से वृद्धावस्था तक…

संसार से वैराग्य सराहनीय,लेकिन भगवान से वैराग्य निंदनीय है : जीयर स्वामी

शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– भोग और भोज के पीछे भागते इंद्रियों को नियंत्रित करके ही बेहतर जीवन की कल्पना की जा सकती है। इसके लिये मानव का एक…