राजद सरकार में आते अपराधी मस्त, नीतीश कुर्सी के चक्कर में पस्त, कानून व्यवस्था ध्वस्त:पी के

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बिहार में RJD जब भी सरकार में आती है, तो समाज में अपराधी बढ़ते हैं, नीतीश कुमार कुर्सी को बचाने और तोड़ने-जोड़ने के चक्कर में लगे रहते हैं, तो कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी: प्रशांत किशोर

समस्तीपुर: बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था जिसकी वजह से चाहे राजधानी पटना में रहने वाले आम लोग हों, या दरभंगा में कैबिनेट मंत्री के बेटे की बदमाशों द्वारा सरेआम पिटाई की घटनाओं ने प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। इस हालात पर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि

RJD जब भी किसी गठबंधन में रहा है, तो लोगों का अनुभव व जो लोगों का मानना है कि राजद जब सरकार में रहती है तो असामाजिक तत्वों यानी अपराधियों का मनोबल बढ़ता है। ये स्थिति हम बिहार में देख रहे हैं कि पिछले चार-पांच महीनों से बिहार में स्थिति और बिगड़ रही है।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जब महागठबंधन बना था तब से लोगों के मन में आशंका है कि बिहार में कानून व्यवस्था बिगड़ेगी। कानून व्यवस्था की स्थिति महागठबंधन की सरकार से पहले भी बहुत अच्छी नहीं थी। इसके अलावा जो प्रदेश का गृह विभाग है, वो मुख्यमंत्री के अधीन है। कहीं न कहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोकस शासन-प्रशासन व्यवस्था पर है नहीं। सीएम अपनी राजनीतिक मजबूरियों के कारण लाभ में पड़े हुए हैं। कभी भागकर इधर, तो कभी पलटकर उधर। जब आपका पूरा समय इस पर लगा हुआ है कि कौन सा राजनीतिक जोड़ बनाएं, किसको जोड़ें, किसको हटाएं, कैसे सरकार बचाएं, कैसे कुर्सी बचाएं, तो आपके पास समय कहां हैं कि आप कानून व्यवस्था देखिएगा।

*शराबबंदी हटाओ, शराबबंदी से कमाओ, शराबबंदी को छुपाओ: प्रशांत किशोर*

प्रशांत किशोर ने बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए सीएम के शराबबंदी के फैसले को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था बिगड़ने के लिए दूसरी वजह की है “शराबबंदी का कानून”। सरकार द्वारा ये जो शराबबंदी का कानून लागू किया है, इसे लागू करने से सिर्फ शराब की दुकानें बंद हुईं। लेकिन, घर-घर शराब बिक ही रही है। ऐसे में प्रशासन की प्राथमिकता शराबबंदी हो गई है। शराबबंदी लागू करो, शराबबंदी से कमाओ और शराबबंदी को छुपाओ। जब प्रशासनिक व्यवस्था का पूरा शराब पर ही लगा रहेगा, तो सामान्य कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी ही।