संभल में भारी हिंसा और उपद्रव कई गाड़ियां फूंकी,सपा सुप्रीमो अखिलेश बोले सरकार की साजिश, वोटिंग…!

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उत्तर प्रदेश: संभल में शाही मस्जिद या हरिहर मंदिर सर्वे करने गई टीम पर भारी पथराव की खबर है।कई गाड़ियां फूंक दी गई है। सड़कों पर चप्पल और पत्थर बिखरे हुए हैं। पुलिस ने बवाल को नियंत्रित करने के लिए आंशिक रूप से लाठी चार्ज किया है और आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। इधर हिंसा और बवाल पर समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बयान देते हुए कहा है कि सरकार की साजिश है। संभल में हिंसा और उपद्रव के पीछे सरकार। चुनाव में धांधली पर चर्चा ना हो इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिंसा कराई गई। जानबूझकर आज सुबह सर्वे की टीम भेजी गई। विपक्ष को वोटिंग से दूर रखना है। यह साजिश है। यूपी में शासन प्रशासन ही दुशासन बना।

वही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हमला बोला है उन्होंने कहा कि प्रशासन की जिम्मेवारी है संभल की घटना दुखद और निंदनीय है।

बता दें कि कोर्ट के आदेश से संभल के शाही जामा मस्जिद का सर्वे के खिलाफ भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया इसके बाद पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंशिक लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। कई उपद्रवियों को को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस माइक से उपद्रवियो को चेतावनी दे रही है कि नेताओं के बहकावे में आकर अपना भविष्य बर्बाद ना करें। फिलहाल भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है स्थिति नियंत्रण में है।

इधर खबर आ रही है कि सर्वे टीम सर्वे करने के बाद बाहर निकल रही है पुलिस कमिश्नर उन्हे भारी सुरक्षा के बीच बाहर निकाला जा रहा है। इधर डीजीपी ने कहा है की स्थिति नियंत्रण में है कोर्ट के आदेश से मस्जिद में हो रहा है सर्वे। पथराव किया गया है। उपद्रवियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह 7.30 बजे शाही जामा मस्जिद का फिर से सर्वे करने के लिए रविवार को एडवोकेट कमीशन रमेश राघव, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता गोपाल शर्मा, प्रिंस शर्मा, विष्णु शर्मा पहुंचे. वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली के अलावा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोग भी साथ रहे. जबकि मौके पर डीएम डॉक्टर राजेंद्र सिंह पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई सहित भारी तादाद में पुलिस फोर्स मौके पर तैनात हो गई. मस्जिद तक जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी, ताकि भीड़ न जुटे, लेकिन ये उपाय नाकाफी हुए.

संभल में सर्वे करने टीम गई थी तनाव भरे माहौल में लोग शाही जामा मस्जिद के पास जुटने लगे. सर्वे शुरू होने के कुछ देर बाद ही बवाल शुरू हो गया. हजारों की तादात में लोग जुटे लोगों ने देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया. पुलिस फोर्स को पथराव पर लाठीचार्ज करना पड़ा. हालात को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. फिर भी भीड़ हिंसक बनी है. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी स्थिति नियंत्रत करने में लगे हैं।

बता दें कि हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया था. उसी दिन सर्वे भी हुआ, जिसके बाद सियासी घमासान भी मच गया. बता दें कि इस मामले में 26 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है, जबकि अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी. सर्वे के लिए टीम के पहुंचते ही बवाल हो गया.एक दिन पहले सपा सांसद के पिता सहित 48 लोगों पर पुलिस ने की थी कार्रवाई :शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के बीच प्रशासन ने एक दिन पहले शनिवार को ही समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क को 10 लाख रुपए के मुचलके से पाबंद किया था. इसके अलावा जिले के 46 अन्य लोगों को भी पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद किया गया. एसडीएम संभल डॉ वंदना मिश्रा के मुताबिक शांति व्यवस्था के मद्देनजर 48 लोगों के मुचलके भरे गए हैं. इनमें दो लोगों के खिलाफ 10-10 लाख के मुचलके पाबंद किए गए हैं. इनमें एक सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क और दूसरे समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष फिरोज खान शामिल हैं. इसके अलावा 46 लोगों के खिलाफ 5 – 5 लाख रुपये के मुचलके भरे गए हैं.19 नवंबर को संभल की चंदौसी स्थित जिला कोर्ट में संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा पेश होने के बाद अदालत ने कोर्ट कमीशन के आदेश दिए तो उसी दिन मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ. हालांकि सर्वे के दौरान काफी तादात में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हो गए थे, मगर तब पुलिस प्रशासन और जामा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों ने लोगों को समझाकर शांत कराया था. वहीं 22 नवंबर को शुक्रवार जुमे की नमाज में करीब 3000 लोग मस्जिद में नमाज में शामिल हुए थे. जुमे की नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए कई थानों की पुलिस फोर्स के अलावा PAC और RRF को लगाया गया था. इस बीच रविवार को एक बार फिर जामा मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ तो बवाल हो गया.19 नवंबर को हो चुका है एक बार सर्वे:संभल की शाही जामा मस्जिद पहले 19 नवंबर को सर्वे हो चुका है. हिंदू पक्ष ने बीते 19 नवंबर को संभल की चंदौसी स्थित जिला कोर्ट में वाद दायर किया. जिला कोर्ट में यह वाद सुबह 11 बजे दायर किया गया. दोपहर 1 बजे इस मामले में सुनवाई हुई. वहीं शाम 4 बजे कोर्ट कमिश्नर का आदेश हुआ. शाम 6 बजे कोर्ट कमिश्नर सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंचे. रात करीब 7.30 बजे सर्वे कर कोर्ट कमिश्नर बाहर आए.हिंदू पक्ष ने याचिका में रखे ये साक्ष्य:शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि यह पहले श्री हरिहर मंदिर थी. 1529 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया. बाबर ने ही मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ा गया. इसके अलावा बाबरनामा और आइने अकबरी को आधार बनाया गया. साथ ही ASI की करीब 150 साल पुरानी एक किताब को भी साक्ष्य के तौर पर शामिल किया है. हिंदू पक्ष ने शक संवत का हजारों साल पुराना एक नक्शा पेश किया है. कहना है कि यहां पर भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में मंदिर की मौजूदगी के बहुत से निशान मौजूद हैं. इसी को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी.मस्जिद 500 साल पुरानी:पुरातत्व विभाग के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद लगभग 500 वर्ष पुरानी है. यह इमारत साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे के तहत संरक्षित इमारत घोषित हुई थी. संभल की जामा मस्जिद का उल्लेख बाबरनामा में मिलता है. संभल जामा मस्जिद के एडवोकेट जफर अली के मुताबिक 1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसके प्रमाण उनके पास हैं. उन्होंने हिंदू पक्ष के दावों को बेबुनियाद करार देते हुए दावा किया कि जामा मस्जिद किसी मंदिर को खंडित करके नहीं बनाई गई।

जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले वादी एवं केला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी कहना है कि उनके पास संभल का शक संवत 987 का हजारों वर्ष पुराना नक्शा मौजूद है. नक्शे में शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर के तौर पर मौजूद है. यही नहीं, हजारों साल प्राचीन नक्शे में संभल, तीर्थराज संभल के नाम से अंकित है. वहीं नक्शे में संभल के 68 तीर्थ और 19 कूप भी दर्शाए गए हैं।

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