Shri Padmanabhaswamy Temple: रविवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 सालों के बाद ‘महाकुंभभिषेकम’ का आयोजन किया गया। जो इस प्राचीन मंदिर के लिए ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घड़ी थी। यहां ‘महाकुंभभिषेकम’ होना एक दुर्लभ समारोह है, जो मंदिर की पवित्रता और दिव्य शक्ति को पुनर्स्थापित करता है।
270 सालों के बाद आयोजित महाकुंभभिषेकम देखने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु उमड़ पड़े। यह भव्य आयोजन प्राचीन मंदिर में लंबे समय से लंबित नवीनीकरण कार्य के हाल ही में पूरा होने के बाद हुई। रविवार की सुबह में ‘तजिकाकुडम्स’ (गर्भगृह के ऊपर तीन गुंबद) का समर्पण, विश्वक्सेन मूर्ति की पुनः स्थापना, तथा तिरुवंबाडी श्री कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर परिसर में स्थित) में ‘अष्टबंध कलश’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर त्रावणकोर राजघराने के प्रमुख ने प्रार्थना की और मुख्य पुजारी ने अष्टबंध कलसम किया। भक्तों ने दुर्लभ अनुष्ठान के दर्शन किए। जिस विश्वक्सेन की मूर्ति की पुनः स्थापना की गई है, वह 300 साल पुरानी है। इसका हाल ही में जीर्णोद्धार हुआ है। इस मौके पर केरल के राज्यपाल भी पहुंचे थे।
मूर्ति की पुन: स्थापना के बाद जुलूस निकाला गया और नारायण मंत्रों का जाप किया गया। इस दुर्लभ अनुष्ठान की एक झलक पाने के लिए भक्त लालायित दिखे। सुबह से ही मंदिर में प्रवेश के लिए भक्तों की कतारें लग गई थीं। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि इस महाकुंभभिषेकम का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता को फिर से जागृत करना है और अगले कई दशकों तक ऐसा फिर से होने की संभावना नहीं है। बता दें कि जीर्णोद्धार का काम 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल के निर्देशानुसार किया गया था।